फिल्म माई वाईफ्स मर्डर में अनिल कपूर के निभाये पात्र के हाथों अपनी पत्नी का कत्ल हो जाता है। यह फिल्म वैसे किसी चर्चा के लायक नहीं हैं, पर स्टार के ग्रेट इंडियन कॉमेडी शो में व्यंग्य किया गया कि जहाँ महिलायें कथानक में गुस्सेल पति के बड़ी आसानी से छूट जाने पर खफा हैं तो पतियों को “एक्सीडेंट” के आईडिया मिल रहे हैं। कथानकों में आम तौर पर पति का निर्दोष पक्ष यदा कदा ही दिखता है। यह एक विचित्र सत्य भी है कि हमारे लतीफों में नारी बेलनधारी खलनायिका तो साहित्य में पीड़ित नायिका के रूप में चित्रित होती रही हैं। इन दोनों पक्षों में पुरुष का चित्रण दयनीय ही रहता है। अब मुझे नारी विरोधी या मेल शॉवीनिज़्म के आरोपों से अलंकृत न किया जाय तो मैं यह कहुँगा कि कम से कम आज के युग में छुइमुइ, निरीह और भारतीय संस्कारों के बुरके में कैद नारी की छवि अपने मन में चित्रित करना मुश्किल ही होता जा रहा है। ज़माना बदल गया है और स्त्री हर पल यह जता भी रही हैं। सिनेमा और टीवी के पर्दों पर कंधा न सही अन्य सारे अंग पुरुषों के साथ मिला कर आगे बढ़ रही हैं। मुम्बई व पुणे आने के बाद मैंने देखा कि दरअसल जो सिनेमा में दिख रहा है वो समाज का अक्स ही है, सिर्फ अंतर्वस्त्र दर्शना जीन्स (मराठी में जिसे मज़ाक में ABCD यानि “अगो बाइ चड्डी दिसते” भी कहते हैं) ही नहीं आर्दश भी हैं आल टाईम लो। पुणे यूनिवर्सिटी हो या सिम्बी, देर रात तक काममोहित जोड़ों को मंडराते देखना आम बात है। मेरे एक मित्र ने कहा कि पुणे मुम्बई में ज्यादा सुरक्षा होने का कॉलेज षोडषियां अब नाजायज फायदा उठा रही हैं।

बहरहाल, अबला नारी का जो तमगा साहित्य में जड़ा जा चुका है वह शहरी क्षेत्र में किसी भी हालत में लागू नहीं हो सकता। यहां की नार गाड़ियाँ ही नहीं हर जगह “स्पीड” की ख्वाहिशमंद हैं। नौकरियों ने उन्हें जरूरी आत्मविश्वास भी दिया है। जो नौकरी न भी करती हों पर जिनके मम्मी पापा ने उन्हें बहुत कुछ दिया है उनके पतियों को भी यह बात भूलने नहीं दी जाती। दरवाज़े पर नेमप्लेट से लेकर, मेडेन सरनेम रखने की जिद तक। “माई वाईफ्स मर्डर” में बोमन ईरानी के निभाये ईंस्पेक्टर के किरदार को उसकी पत्नी यह भूलने नहीं देती कि उसकी पदौन्नति “पापा” की कृपा है।

आज लक्ष्मण का कार्टून (देखें चित्र) देखा तो फिल्म का यह अंश याद आ गया। तो भैया अगली दफा किसी शहरी अबला नारी के संतापों की कहानी देखने पढ़ने के पहले हम नमकदानी साथ ज़रूर रखेंगे।