आतंक से मà¥à¤–à¥à¤¯à¤§à¤¾à¤°à¤¾ की राह कà¥à¤¯à¤¾ हो?
पà¥à¤°à¥à¤¨à¤µà¤¾à¤¸ का पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ केवल हथियार डाल चà¥à¤•े आतंकवादियों के लिठही नहीं वरनॠसमाज के पूरà¥à¤µà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ के शिकार अनेक वरà¥à¤—ों के परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ में पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है, चाहे वो परितà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ या वà¥à¤¯à¤à¤¿à¤šà¤¾à¤° से पीड़ित महिलाà¤à¤ हों, किनà¥à¤¨à¤°, अपंग, सजा à¤à¥à¤—त चà¥à¤•े अपराधी हों, या à¤à¤¡à¥à¤¸ जैसी कलंकित बीमारियों के पीड़ित। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤§à¤¾à¤°à¤¾ में शामिल करने, अपने साथ समाज में उठने बैठने देने के विचार मातà¥à¤° से ही हमारे पूरà¥à¤µà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹ हमें सिहरा देते हैं। हमें इनमें निहित कथित बà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ से संकà¥à¤°à¤®à¤£ का डर सताता है जबकि हममें से कई à¤à¤¸à¥‡ हैं जो सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤—त रूप किसी न किसी समय वà¥à¤¯à¤à¤¿à¤šà¤¾à¤°à¥€, अपंग या किनà¥à¤¨à¤° बन जाते हैं पर समाज के हंटर से बचे रहते हैं।
आतंकवाद का मसला वैसे à¤à¥€ बड़ा संवदनशील मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ है, सरकार के लिठजो आतंकवादी है वो किसी वरà¥à¤— के लिठआज़ादी के सिपाही हो सकते हैं। राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के विलय की पटेल नीति की कमी या हो या राजनयिक सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¤¾à¤°à¤¤ का अंरà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ मंचों पर कमज़ोर पà¥à¤°à¤°à¥à¤¦à¤¶à¤¨ या राजनेताओं के सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ का समर, कशà¥à¤®à¥€à¤° का सà¥à¤µà¤°à¥à¤— सेना के हवाले करके समाधान की राहें तो बरसों पहले ही बंद कर दी गईं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सेना का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² à¤à¥€ बड़ा हासà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤ªà¤¦ है, किसी à¤à¥€ राजà¥à¤¯ के पà¥à¤²à¤¿à¤¸ और पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• ढांचा इतना बलहीन है कि अपने मादà¥à¤¦à¥‡ पर किसी à¤à¥€ आपदा से निबटने की कà¥à¤µà¥à¤µà¤¤ नहीं, ज़रा à¤à¥€ परेशानी में फंसे नहीं कि केनà¥à¤¦à¥à¤° से सेना à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ का अनà¥à¤°à¥‹à¤§ करने में पलक à¤à¤ªà¤•ने की à¤à¥€ देर नहीं लगती। आतंकवाद जैसे मसलों पर सेना के निबटने का तरीका ज़रा अलाहदा ही रहता है, इनके लिठदिल से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ दिमाग से लिठनिरà¥à¤£à¤¯ ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मायने रखते हैं। à¤à¤¸à¥‡ में गेहूठके साथ घà¥à¤¨ का पिस जाना कोई असà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• बात नहीं जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मानवाधिकार संगठन ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ कह कर पà¥à¤•ारती रही हैं।
मेरे विचार से सà¥à¤¬à¤¹ के à¤à¥‚लों का विसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨ ज़रूरी है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह आतंक के साये तले रह रही जनता में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ जगाता है। कशमीर के लिठखास “पैकेज” राजनैतिक रूप से à¤à¥€ हमारा पकà¥à¤· दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सामने पेश कर सकते हैं। पर इन सà¤à¥€ से ज़रूरी है समसà¥à¤¯à¤¾ के निदान की ओर तेज राजनयिक कदमों की। यहीं गाड़ी बरसों से अटकी पड़ी है। हर बार दोनों तरफ के नौकरशाह कà¥à¤› न कà¥à¤› मसला उठा कर मà¥à¤à¤¹ फà¥à¤²à¤¾ कर बैठजाते हैं। देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ ठीक है पर हमें यह सतà¥à¤¯ à¤à¥€ सà¥à¤µà¥€à¤•ारना चाहिठकि कशà¥à¤®à¥€à¤° की 222236 वरà¥à¤— की.मी. ज़मीन में से पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ लगà¤à¤— 35 फीसदी (78000 कि.मी) पर काबिज़ है। 1963 के à¤à¤• विवादासà¥à¤ªà¤¦ समà¤à¥Œà¤¤à¥‡ के आधार पर पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ लगà¤à¤— 5170 कि.मी. ज़मीन चीन के सà¥à¤ªà¥à¤°à¥à¤¦ कर चà¥à¤•ा है। हमारे देश के अलावा सारी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में à¤à¤¾à¤°à¤¤ के नकà¥à¤¶à¥‡ में से पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के कबà¥à¤œà¤¼à¥‡ वाली ज़मीन निकाल कर दिखाई जाती है। इस परोकà¥à¤· यà¥à¤¦à¥à¤§ में हम करोड़ो की रकम ओर बहà¥à¤®à¥‚लà¥à¤¯ जानें à¤à¥‹à¤‚क चà¥à¤•े हैं। मैं नहीं कहता ये कोई तà¥à¤°à¤¤ फà¥à¤°à¤¤ हल हो जाने वाला मसला है, पर हल की ओर कà¥à¤› कदम तो बà¥à¥‡à¤‚। बरसों से हम राजनीतिक सà¥à¤Ÿà¥‡à¤²à¤®à¥‡à¤Ÿ के शिकार हैं।
छोटे मà¥à¤à¤¹ बड़ी बात, पर रासà¥à¤¤à¥‡ तो कई दिखते हैं, पहलाः पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ को मटियामेट करने का ईरादा बना कर उस पर हमला बोल दें, परमाणॠशकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बीच का यह यà¥à¤¦à¥à¤§ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ और हमें किस मà¥à¤•़ाम तक ले जाà¤à¤—ा इसकी à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤£à¥€ तो नेसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤¦à¤® à¤à¥€ शायद ही कर पायें। इसमें ग़र विजयी à¤à¥€ हà¥à¤ तो टूटी आरà¥à¤¥à¤¿à¤• कमर पर विशà¥à¤µ à¤à¤° में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के खैखà¥à¤µà¤¾à¤¹à¥‹à¤‚, जिसमें दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का दरोगा à¤à¥€ शà¥à¤®à¤¾à¤° है, की लात सहते हà¥à¤ हम कà¤à¥€ उबर पायेंगे इस बात पर शंका होती है। à¤à¤• और रूखः चीन से ज़मीन वापस ले कर वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ नियंतà¥à¤°à¤£ रेखा को सीमा रेखा का दरà¥à¤œà¤¾ दें दे, सबसे वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• हल, या तीसराः संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥ƒ को सरà¥à¤µà¥Œà¤šà¥à¤š और निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤· मान कर (दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के दरोगा के रहते इस बात पर यकीन करना ज़रा मà¥à¤¶à¥à¤•िल ही है) उसके और अनà¥à¤¯ तटसà¥à¤¥ देशों की निगरानी में जनमत संगà¥à¤°à¤¹ हो, पर पूरà¥à¤£ कशà¥à¤®à¥€à¤° के लिà¤, à¤à¤¾à¤°à¤¤ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ और चीन की ज़मीन मिला कर। अगर फैसला हमारी तरफ हो तो निगरानी रखने वाले देशों, संगठनों से लिखित गारंटी लें की पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ आतंक के पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‹à¤œà¤¨ से तौबा करे या सैंनà¥à¤•शनà¥à¤¸ à¤à¥‡à¤² कर आरà¥à¤¥à¤¿à¤• रूप से मिट जाने को तैयार रहे। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पतà¥à¤°à¤•ारों की हाल की पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ यातà¥à¤°à¤¾ से सपषà¥à¤Ÿ है कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के कबà¥à¤œà¤¼à¥‡ वाला आज़ाद कशà¥à¤®à¥€à¤° à¤à¥€ कोई आज़ाद नहीं है। जे.के.à¤à¤².à¤à¤« जैसे संगठन न पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के साथ जाना चाहते हैं न à¤à¤¾à¤°à¤¤ के,कशà¥à¤®à¥€à¤° के जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¼à¤¾à¤¤à¤° बाशिंदे आतंक से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ और खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¥€ वापस चाहते हैं, पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से उनका कोई मोह नहीं।
अब यह तो à¤à¤• दिवासà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ ही होगा कि हम यह मानें कि कशà¥à¤®à¥€à¤° की समसà¥à¤¯à¤¾ तो सà¥à¤²à¤à¤¤à¥€ रहेगी, पूरà¥à¤µ आतंकियों को पà¥à¤°à¥à¤¨à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨ का लॉलीपॉप देने à¤à¤° से आतंक का वीà¤à¤¤à¥à¤¸ खेल सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ ही बंद हो जाà¤à¤—ा। सीमा पार आतंक से समसà¥à¤¯à¤¾ उपजी, पर इसे बंद कराने के लिठवैशà¥à¤µà¤¿à¤• जनमत बनाने तक में हमारा राजनैतिक नेतृतà¥à¤µ नाकामयाब रहा है। सारा मामला राजनयिक बयानबाज़ी के पाश में फà¤à¤¸ गया है। राजनीतिजà¥à¤ž पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के खिलाफ à¤à¤• ओर तो ज़हर उगल कर लोगों को बरगलाते रहें और दूसरी ओर रेल, बस मारà¥à¤— खोलने और कà¥à¤°à¤¿à¤•ेट खेलने के दोगले कदम à¤à¥€ उठाते रहें। दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ की बात है कि रीॠविहीन राजनैतिक पाटो के बीच में पिसना ही इस राजà¥à¤¯ की नियती बन चà¥à¤•ी है। कोई à¤à¤¸à¤¾ नेतृतà¥à¤µ नहीं जो ये ठान ले की हल à¤à¤• निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ समय सीमा में निकालना ही है। नतीजतन, कैंसर का ईलाज़ नीम हकीम कर रहे हैं और रोग बà¥à¤¾ जा रहा है। डर कि बात यह है कि कहीं सही इलाज के अà¤à¤¾à¤µ में यह कैंसर कशà¥à¤®à¥€à¤° को ही निगल न ले।
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