रवि भैया की इस हालिया पोस्ट पर एक चिट्ठाकार रचना की तल्ख टिप्पणी आई। आप कि ये पोस्ट पढ़ कर सिर्फ ये समझ आया कि जो नये ब्लॉगर आये है आप सब पुराने वरिष्ठ ब्लोग्गेर्स के बीच वह केवल कुडा कबाड़ लिख रहें हैं, इसलिये उनको ना पढा जयाए। क्योंकी जो ब्लॉगर भी ऐसा खाता […]
आईफोन अमरीका में सबकी ज़बान पर है, जिनके पास ये है उनके पाँव ज़मीं पर नहीं पड़ रहे और जिनके पास नहीं है वो इसकी कीमत गैरवाजिब बता कर कन्नी काट रहे हैं। खैर निरंतर पर एक लेख में ईस्वामी ने काफी पहले लिखा था कि इस फोन की सबसे बड़ी खामी है कि ये […]
चिट्ठाजगत तकनीकी रूप से समृद्ध एग्रीगेटर है, ब्लॉगवाणी से फीचर्स के मामले में अव्वल। दीगर बात है कि पैकेजिंग और रूप के मामले में चिट्ठाजगत पिछड़ जाता है। पर एक चीज़ जिसमें ब्लॉगवाणी चिट्ठाजगत से आगे है और वो है धाक का मामला, जी नहीं मैं फाँट वगैरह बनाने की धाक की नहीं 😉 बल्कि […]
2.2 वर्डप्रेस की महत्वाकांक्षी रीलीज़ है जिसमें इस ब्लॉगवेयर में अनेक सुधार किये गये हैं। हालांकि वर्डप्रेस के हर नये रीलीज़ को तुरंत स्थापित करने की गलती कभी नहीं करनी चाहिये क्योंकि प्रयोक्ता समुदाय की राय जैसे जैसे सामने आती है वे पुनः कई बदलाव करते हैं। ज़ाहिर है प्रयोक्ता समुदाय से बड़ा जाँच दल […]
अगर आप ने हाल ही में वर्डप्रेस 2.1 पर अपग्रेड किया है और आप अल्टीमेट टैग वारीयर या बनी टैग्स पल्गइन का प्रयोग करते हैं तो इस प्रविष्टि को अवश्य पढ़ें। नये वर्डप्रेस की फिलहाल इन दोनों पल्गइन से नहीं बन रही है और जैसे ही कोई आपके पोस्ट पर टिप्पणी करता है आपकी सारी […]
जब मेरा अंग्रेज़ी ब्लॉग जेरौलर पर हुआ करता था तब फीडबर्नर की मकबूलियत के बावजूद कभी आजमाया नहीं। अपनी चीज़ दूसरे के हाथ देने में डर तो लगता ही है। पर जब वर्डप्रेस पर ब्लॉग स्थानांतरित हुआ तो अपनी इस हिचक पर कोफ़्त हुआ। मेरा ब्लॉग कहीं भी रहे उसके फीड का पता भी क्या […]
गूगल कोआप गूगल खोज परिणामों में सुधार लाने के लिये सार्वजनिक योगदान पाने का एक मंच रहा है। इसकी ताज़ा पेशकश है कस्टमाईज़्ड सर्च इंजन यानी आपका अपना खोज तंत्र। यह है को कुछ कुछ रोल्यो या स्कूपगो जैसा पर चुंकि खोज परिणाम गूगल के ही होंगे खोज के प्रामाणिकता और विस्तार की कल्पना की […]