हम अपने खून पसीने की कमाई सरकार पर भरोसा कर उनके पास जमा रखते हैं ताकि हमारे जीवन की संध्या बेफिक्र बीते पर ये राशि ज़रूरत पड़ने पर हमें मिले ही नहीं तो क्या होगा? फालतू कारणों से दावों को खारिज होना चिंताजनक है।
हम सोचते हैं कि भ्रष्टाचार की जड़ नेता और राजनीति है, इसके उलट दरअसल जड़ हमारे नौकरशाह हैं। सरकारें बदलती हैं पर नौकरशाह नहीं बदलते।
फ़ेसबुक के संस्थापक मार्क ज़ुकरबर्ग हाल ही में भारत आये थे। कयास लगे भारतियों में बेतहाशा लोकप्रिय आर्कुट से इसी धरती पर दो दो हाथ करने का इरादा बना है। पर सारे कयासों के बीच असलियत कुछ और ही निकली। जानने के लिये पढ़िये पूरी पोस्ट।
ऐसी ख़बर से इंडिया का क्या फायदा होगा दोस्त? कुछ क्वालिटी काम करो भाई. इंजीनियर्स, डॉक्टर्स, स्टूडेंट्स, किसान, सैनिक, मंत्री क्या कर रहे हैं बताओ. इंडिया सुपर पावर कैसे बनेगा यह बताओ. हीरो – हीरोइन की ख़बर से आगे नही बढ़ेगा देश. जोश-18 पर एक फालतू फिल्मी खबर पर उरुगुये के एक पाठक सुनील की […]
विदेश में बच्चे जिस तरह बड़े होते हैं ये नज़दीक से देखा तो मन थोड़ा खट्टा हुआ। बच्चा मचल रहा है कि माँ या पिता गोद में ले ले, सीने के नज़दीक रखे पर वो तो बैठा है बच्चागाड़ी में, मुँह में चुसना जैसे उसका मुंह बंद करने के लिये ही है। बच्चे का हाथ […]