पà¥à¤£à¥‡ में आईटी वालों की à¤à¤°à¤®à¤¾à¤° है। शहर à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ है कि लोग बस जाने की सोचते हैं। शहर à¤à¥€ आखिर कितना समोये, सो गà¥à¤¬à¥à¤¬à¤¾à¤°à¥‡ की तरह फैल रहा है। वैसे यहाठके औंध और बानेर जैसे इलाके लोगों की पहली पसंद हैं, सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं और कारà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¥à¤² से नज़दीक होने के कारण। चà¥à¤‚कि दावेदार जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हैं […]
दूरदरà¥à¤¶à¤¨ पर “गोदान” पर आधारित गà¥à¤²à¤œà¤¼à¤¾à¤° की टेलिफिलà¥à¤® आ रही है। पंकज कपूर के किरदार का मृतà¥à¤¯à¥ दà¥à¤¶à¥à¤¯ है। शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€à¤œà¥€, पà¥à¤¤à¥à¤° और मैं सà¤à¥€ देख रहे हैं। पर अविरल अशà¥à¤°à¥ बह रहे हैं मेरी आà¤à¤–ों से। जी नहीं, बंद कमरे में à¤à¤²à¤¾ आंखों में किरकिरी कैसी? यह कोई नयी बात नहीठहै। टी.वी. हो या […]