निरंतर काउंटडाउन à¤à¤¾à¤— 4 निरंतर को इसके पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठसे ही लेखन और पà¥à¤°à¤•ाशन की à¤à¤•ाधिक विधाओं की वरà¥à¤£à¤¸à¤‚करी (हाईबà¥à¤°à¥€à¤¡) के रूप मे देखता रहा हूà¤à¥¤ इनà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥‡à¤Ÿ पर होते हà¥à¤ à¤à¥€ माह में à¤à¤• ही बार ‘टपकती’ निरंतर इलेकà¥à¤Ÿà¥‰à¤¨à¤¿à¤• माधà¥à¤¯à¤® वाली दà¥à¤°à¥à¤¤ अविरलता से नहीं बहती। वहीं हर अंक के पà¥à¤°à¤•ाशन से ही दà¥à¤µà¥€à¤¦à¤¿à¤¶à¥€ संवाद के […]
निरंतर काउंटडाउन à¤à¤¾à¤— ३ नामचीन हिंदी अखबार देशबंधॠमें मंà¤à¥‡ साहितà¥à¤¯à¤•ार और चिंतक हरिशंकर परसाई का à¤à¤• कॉलम छपता था “पूछिठपरसाई से” जिसमें वे पाठकों के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° देते थे। तमाम किसà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨, राजनीति, इतिहास, समकालीन परिदृशà¥à¤¯, साहितà¥à¤¯ पर जिनमें कà¥à¤› चà¥à¤Ÿà¥€à¤²à¥‡ सवाल à¤à¥€ शामिल होते थे। निरंतर के पहले अवतार में […]
निरंतर काउंटडाउन à¤à¤¾à¤— 2 बिलà¥à¤•à¥à¤² यही वजह है कि निरंतर, सिरà¥à¤« à¤à¤• मैगैज़ीन नहीं, बà¥à¤²à¥‰à¤—ज़ीन है। निरंतर के लेखों में सिरà¥à¤« संपादक मंडल की ही नही, इसके लेखकों की ही नही वरनॠआपकी राय à¤à¥€ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होनी चाहिà¤à¥¤ इसी कड़ी में निरंतर के अगसà¥à¤¤ अंक में पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकिया जा रहा है à¤à¤• नया सà¥à¤¤à¤‚ठ“जनमंच“। […]
निरंतर काउंटडाउन à¤à¤¾à¤— १ निरंतर à¤à¤• अà¤à¤¿à¤¨à¤µ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— रहा है। यह पहली à¤à¤¸à¥€ पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा है जो न केवल गैरपेशेवर पà¥à¤°à¤•ाशकों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निकाली जाती है बलà¥à¤•ि पाठकों को पà¥à¤°à¤•ाशित लेखों पर तà¥à¤µà¤°à¤¿à¤¤ टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ करने का मौका à¤à¥€ देती है। इस तरह ये सिरà¥à¤« ज़ीन नहीं, विशà¥à¤µ की पà¥à¤°à¤¥à¤® बà¥à¤²à¥‰à¤—ज़ीन बन सकी। किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•ाशन में पाठकों […]