कौन बनेगा श्रेष्ठ एग्रीगेटर?

रवि भैया की इस हालिया पोस्ट पर एक चिट्ठाकार रचना की तल्ख टिप्पणी आई। आप कि ये पोस्ट पढ़ कर सिर्फ ये समझ आया कि जो नये ब्लॉगर आये है आप सब पुराने वरिष्ठ ब्लोग्गेर्स के बीच वह केवल कुडा कबाड़ लिख रहें हैं, इसलिये उनको ना पढा जयाए। क्योंकी जो ब्लॉगर भी ऐसा खाता […]

पर्सनलाईज़्ड जुगाड़

आप जानते होंगे कि गूगल के परंपरागत गृहपृष्ठ को आप पर्सनलाईज़ यानी अपनी पसंद के मुताबिक ढाल सकते हैं। पहले तो खबरों की फीड, आज का शब्द जैसे मॉड्यूल ही उपलब्ध कराये गये थे पर अब आप गूगल की निर्देशिका से सेंकड़ों ऐसे मॉड्यूल्स में से अपना मनपसंद चुन सकते हैं और उसे अपने पर्सनलाईज़्ड […]

नए पड़ाव

खुशी की बात है कि हिन्दी ब्लॉग के काफिले में नए राही जुड़ते जा रहे हैं। नवागंतुक वैभव पाण्डेय का स्वागत है। इस बीच नजर पड़ी ब्लॉगडिग्गर पर। जानकर अच्छा लगा कि यह कोई साधारण एग्रीगेटर नहीं वरन आपको चिट्ठों का समूह बनाने में भी मदद करता है। ऐसा समूह बनाने का एक लाभ यह […]