à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ काफी छिदà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤µà¥‡à¤¶à¥€ होते ही हैं॥ हर सेवा, हर चीज़ पर नाकà¤à¥Œà¤‚ सिकोड़ना, हर बात में नà¥à¤•à¥à¤¸ निकालना और यहाठतक की अपने बà¥à¤²à¥‰à¤— का नाम और विषय à¤à¥€ नà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¥€ रख लेना। पर और अगर यह सब करने के लिये पैसे à¤à¥€ मिलने लगे तो? “सà¥à¤µà¤ªà¥‹à¤·à¤¿à¤¤ बà¥à¤²à¥‰à¤—विधा” या “वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¤¿à¤• चिटà¥à¤ ाकारिता” के समरà¥à¤¥à¤• मेरे कई बà¥à¤²à¥‰à¤— […]