उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨ में सिंहसà¥à¤¥ की खबरों में बड़ा अजीब विरोधाà¤à¤¾à¤¸ नजर आता है। à¤à¤ˆ, बचपन से हम को तो यही सिखाया-बताया गया है कि साधॠवैराग का दूसरा नाम होते हैं; मोह-माया, मानवीय कमजोरियों, वरà¥à¤œà¤¨à¤¾à¤“ं से परे, गà¥à¤£à¥€à¤œà¤¨ होते हैं। हो सकता है कि कलियà¥à¤— की माया हो, वरना मà¥à¤à¥‡ तो à¤à¤¸à¥‡ कà¥à¤› संकेत दिखे नहीं। […]