पाठ्य पुस्तकों तक सिमट गई देवों की भाषा संस्कृत को अब जाल पर प्रतिष्ठा दिलाने का बीड़ा अमरीकी विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत भारतीय मूल के कुछ छात्रों ने उठाया है। उनका एक वृहत काम है संस्कृत पत्रिका विश्ववाणी जिसमें वे विविध विषयों पर लेख प्रकाशित करते हैं। प्राचीन भारतीय गणित से लेकर विवेकानंद पर आलेख, सुभाषित, […]
अत्यंत हर्ष की बात है कि चिट्ठों की दुनिया में पहला संस्कृत चिट्ठा जसमीत ने कौटिल्य उपनाम से लिखना प्रारंभ किया है। अहो भाग्यम्! आशा है वे नियमित रूप से लिखेंगे।