वनवास से वापसी
तकरीबन 3 सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ के बà¥à¤²à¥‰à¤— वनवास के बाद वापसी हो रही है। अà¤à¥€ पूरà¥à¤£ रूप से मन à¤à¥€ नहीं बन पा रहा है। सब नया सा लग रहा है। 12 फरवरी, 2004 को मेरी माताजी के पेट के अलà¥à¤¸à¤° की शलà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ की गई। सब ठीक रहा, वो अब घर आ गईं हैं। सà¥à¤–द बात ये रही कि à¤à¤• ही चरण में ये शलà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ हो गई, सरà¥à¤œà¤¨ पहले इसे दो चरणों में करने वाले थे, तीन माह पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ à¤à¤• शलà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ और होती, ईशà¥à¤µà¤° की कृपा से वह टल गया। किसी à¤à¥€ शलà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ में डर तो रहता ही है, माठकी उमà¥à¤° व सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिहाज़ से खतरा ज़रा जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ था।
हिनà¥à¤¦à¥€ चिटà¥à¤ ों कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में इस बीच काफी हलचल हà¥à¤ˆ है लगता है। देखना है अपना मूड कब कब तक बन पाता है।