गरमा गरम पोस्ट
कोउ नृप होउ
हम सोचते हैं कि भ्रष्टाचार की जड़ नेता और राजनीति है इसके उलट दरअसल जड़ हमारे नौकरशाह ही हैं। कर्नाटक में २००८ से २०१३ तक भाजपा सरकार थी और उसके बाद से काँग्रेस। इस सरकारी चोलाबदली से जमीनी हकीकत पर कोई फर्क नहीं पड़ा, सरकारें बदलती हैं पर नौकरशाह तो नहीं बदलते। कोउ नृप होउ।
हालिया प्रविष्टियाँ
ब्लॉगस्ट्रीट अपने नये अवतार में हिन्दी और अन्य भारतीय भाषाओं के ब्लॉग पर काफी तवज्जोह दे रहा है। ताऊ का ब्लॉग टॉप 100 ब्लॉग में तो शुमार था ही, हाल ही में जो न कह सके और आज नुक्ताचीनी को “ब्लॉग आफ द डे” होने का सम्मान मिला। जालस्थल ने अपनी रेटिंग पद्धति को सुधारने […]
भारतीय ब्लॉग मेला में आपका स्वागत है। प्रकाशन में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ और बिना लाग लपेट शुरु करता हूँ यह आयोजन: अतुल सी.एन.एन की एक ख़बर, जिसमें अमेरिकी पयर्टकों को युरोप में परेशानी से बचाने वाले कैनेडियन प्रतीक चिन्हों वाले लिबासों के प्रचलन का ज़िक्र था, का हवाला देते हुए पर्यटन के […]
लोगबाग या तो वाकई भोले हैं या सिर्फ मज़े लेने के लिये पूरी मासूमियत के साथ खबरों पर यकीन कर उसका वाईरल प्रसार किये जाते हैं? क्या उन्हें पता नहीं कि अमिताभ शत्रुध्न विवाद फिलहाल प्रेस में क्यों बोया जा गया या फिर कि अमिताभ अचानक ब्लॉगिंग के मैदान में क्यों उतर पड़े?
कुछ दिनों पहले ग्लोबल वॉयसेज़ हिन्दी के लिये मैंने एक पोस्ट का अनुवाद किया था। यह पोस्ट मालदीव में paedophiles यानि बाल यौन शोषकों के बढ़ते क्रिया कलाप पर केंद्रित थी। पर इस पोस्ट से किसी मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति की काम विकृति पूरी हो रही होगी इसका अंदाज़ा तो शायद कोई भी नहीं लगा सकता।

तहलका हिन्दी पत्रिका में झरिया की कोयला खदानों के गिर्द भूमिगत आग के बारे में रोचक खोजपरक लेख छपा है। निरंतर पत्रिका में अतुल अरोरा और मैंने आज से दो साल पहले इसी विषय पर एक और खोजपरक लेख लिखा था, एक दहकते शहर की दास्तान।