सौहार्दपूर्ण उदासीन आश्चर्य

गूगल के अनुवादक की कृपा से आज यह मजेदार ईमेल मिली (मूल ईमेल के कुछ हिस्से छुपा दिये गये हैं): From: davide szabo Subject: अन्य कोई विषय मेरा नाम दाऊद Szabo है. मैं सिर्फ :978-88-xxxxx-66x ISBN booksprint संस्करणों के साथ एक लघु कहानी पोस्ट booksprintedizioni.xx/deidamaxxx.html. मुझे आश्चर्य है कि अगर आप कृपया मेरे लघु कहानी […]

ज़रा फिर से कहना

”क्रोम” का बीटा संस्करण कम्प्यूटर व्यावसाय जगत में माइक्रोसॉफ्ट के प्रभुत्व में इज़ाफ़ा करेगा। गूगल के नये ब्राउज़र क्रोम पर बीबीसी हिन्दी की विशेष टिप्पणी। जी दुरस्त फ़रमाया! इससे अच्छा तो मैं जर्मन भाषा में लिखे ब्लॉग को हिन्दी में पढ़ लूं। सुंदर, मैं अनदेखी चिकनी 🙂 पुनश्चः अनुनाद ने ध्यान दिलाया। लगता है बीबीसी […]

देखिये कौन कर रहा है गूगल अनुवादक का प्रयोग

भले मैं और आप और खास तौर पर भाषा शुद्धतावादी फिलहाल गूगल अनुवादक में नई जोड़ी गई हिन्दी अनुवाद की सेवा का फिलहाल प्रयोग न कर रहे हों पर लगता है स्पैमरों ने ज़रूर इसका इस्तेमाल करना शुरु कर दिया है।

आग पर बैठे शहर

तहलका हिन्दी पत्रिका में झरिया की कोयला खदानों के गिर्द भूमिगत आग के बारे में रोचक खोजपरक लेख छपा है। निरंतर पत्रिका में अतुल अरोरा और मैंने आज से दो साल पहले इसी विषय पर एक और खोजपरक लेख लिखा था, एक दहकते शहर की दास्तान।

अंतर्जाल पर मानसिक विकृति की कमी नहीं

कुछ दिनों पहले ग्लोबल वॉयसेज़ हिन्दी के लिये मैंने एक पोस्ट का अनुवाद किया था। यह पोस्ट मालदीव में paedophiles यानि बाल यौन शोषकों के बढ़ते क्रिया कलाप पर केंद्रित थी। पर इस पोस्ट से किसी मानसिक रूप से विकृत व्यक्ति की काम विकृति पूरी हो रही होगी इसका अंदाज़ा तो शायद कोई भी नहीं लगा सकता।

निरंतर पत्रिका की कुछ बातें

पाठकों, आपको स्मरण होगा कि निरंतर के पुराने अंक अक्षरग्राम स्थित हमारे पूर्व सर्वर से नष्ट हो गये थे। ये अंक द्रुपल आधारित सिविकस्पेस पर बने थे। दुर्भाग्यवश इन अंकों का हमारे पास बैकअप नहीं था। अंक 7 के उपरांत हम निरंतर के अपने नये सर्वर और जूमला प्रकाशन प्रणाली पर स्थानांतरित हो गये थे। […]

अपने चिट्ठे से जार्ज बुश का चित्र कैसे हटायें

आपका ध्यान एक समस्या की तरफ दिलाना आकर्षित करना चाहता हूँ। http://www.hindiblogs.org की और इंगित करते हुये कई चिट्ठाकारों ने एक जावास्क्रिप्ट अपनी साईट पर रखी है जिससे एक चित्र दिखता है “हिन्दी ब्लॉग्स पर इस चिट्ठे की समीक्षा”। इंटरनेट जिंदाबाद का नारा लगाते हुये मैंने यह ईमेज माईजावासर्वर नामक एक मुफ्त के होस्ट पर […]

चिट्ठों में साँस ले रही है देवभाषा

पाठ्य पुस्तकों तक सिमट गई देवों की भाषा संस्कृत को अब जाल पर प्रतिष्ठा दिलाने का बीड़ा अमरीकी विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत भारतीय मूल के कुछ छात्रों ने उठाया है। उनका एक वृहत काम है संस्कृत पत्रिका विश्ववाणी जिसमें वे विविध विषयों पर लेख प्रकाशित करते हैं। प्राचीन भारतीय गणित से लेकर विवेकानंद पर आलेख, सुभाषित, […]