इस चिटà¥à¤ े के नियमित पाठक रेडियो जॉकी बनने की मेरी छà¥à¤ªà¥€ अà¤à¤¿à¤²à¤¾à¤·à¤¾ के बारे में पॠचà¥à¤•े होंगे, और यह à¤à¥€ कि कैसे मैं अवसर मिलने पर à¤à¥€ यह पूरà¥à¤£ न कर सका। पर हाल के दिनों में दो à¤à¤¸à¥‡ अवसर मिले जब मà¥à¤à¥‡ शà¥à¤°à¤µà¥à¤¯ माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ पर बोलने का मौका मिला। पहला मौका था रेडियो […]