पहले पà¥à¤¯à¤¾à¤° की बात चल पड़ी तो मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ पहला पà¥à¤¯à¤¾à¤° याद आ गया। परिणती तक à¤à¤²à¥‡ न पहà¥à¤à¤šà¤¾ हो पर मन में किसी कोने में यादों की महक तो बाक़ी है। किसà¥à¤¸à¤¾ चà¥à¤‚कि नितांत निजी है इसलिठसà¥à¤¨à¤¾ कर बोर नहीं करूà¤à¤—ा। पर यहाठपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर रहा हूठउन दिनों लिखा à¤à¤• गीत। कॉलेज […]