अà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¸ विनà¥à¤¯à¤¾à¤¸
अगर आपने हाल में गौर किया हो तो कà¥à¤› दिनों से इस चिटà¥à¤ े के आखिरी हिसà¥à¤¸à¥‡ में पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की बजाय उनकी कड़ियाठदी जा रही हैं। दरअसल यह मलेट अà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¸ का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करता है जिसमें सारी पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¤• साथ न दिखाकर कà¥à¤› को पूरà¥à¤£à¤¤à¤ƒ दिखाया जाता है और शेष की सिरà¥à¤« कड़ियाठदी जाती हैं। इस संरचना को रचने वाले जॉनाथन का इंफॉरà¥à¤®à¥‡à¤¶à¤¨ सेंट के सिदà¥à¤§à¤¾à¤à¤¤ पर यकीन है, जिसके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पाठक तब तक आपके जालसà¥à¤¥à¤² पर टिका रहेगा जब तक कि कड़ियाठउसे यह संबल देती रहे कि कोई काम की जानकारी अवशà¥à¤¯ हाथ लगेगी, ठीक शिकारी जानवरों की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ जो पदचिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ के आधार पर पता लगा लेते हैं कि अचà¥à¤›à¤¾ शिकार हाथ लगेगा या नहीं।
कपिल ने अपने बà¥à¤²à¥‰à¤— में वरà¥à¤¡à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ संचालित बà¥à¤²à¥‰à¤— पर यह अà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¸ लागू करने का तरीका बतलाया है (के-टू थीम की कसम यह उतना आसान नहीं जितना दिखता है, खास तौर पर अगर पी.à¤à¤š.पी का सर-पैर न मालूम हो)।
à¤à¤¾à¤ˆ, बात थोड़ी ऊपर से निकल गई। थोड़ा और धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ लगाकर देखना पड़ेगा।
मà¥à¤²à¥‡à¤Ÿ सà¥à¤Ÿà¤¾à¤ˆà¤² नया तो है। पर इसके दà¥à¤®à¤¾à¤°à¤¾ बताठगठदोष लाईव अरà¥à¤•ाइवà¥à¤¸ जो कि आपने à¤à¥€ लगा रखें है पर लागू नहीं होते। साथ ही à¤à¤• नई चीज मारà¥à¤•िट में है नाम है रोलिंग अरà¥à¤•ाइवà¥à¤¸ मिरà¥à¤šà¥€ सेठपर देखी जा सकती है।
पंकज