फिर वही तलाश
वकà¥à¤¤ à¤à¥€ कैसे कैसे रंग दिखाये! कà¥à¤› साल पहले तक à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मूल के हॉलीवà¥à¤¡ फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ जगमोहन मूà¤à¤¦à¥œà¤¾ अपनी सी गà¥à¤°à¥‡à¤¡ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के लिये जाने जाते थे। उनकी फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की पटकथा में कहानी का कम और सेकà¥à¤¸ सीनà¥à¤¸ का महतà¥à¤µ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रहता था। दरà¥à¤¶à¤• à¤à¤¸à¥€ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में “काम के सीनà¥à¤¸” देखने के लिये ही टिकट खरीदते हैं। और à¤à¤¸à¥€ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ मे काम कर के गà¥à¤²à¤¶à¤¨ गà¥à¤°à¥‹à¤µà¤° और मारà¥à¤• ज़à¥à¤¬à¥‡à¤° जैसे लोंगो को हॉलीवà¥à¤¡ “पहà¥à¤à¤š” जाने की गफलत हो जाती है और गॉसिप मैगज़ीनà¥à¤¸ पर अपने इंटरनैशनल à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥‹à¤œà¤° का बरसों हवाला देने का बहाना à¤à¥€ मिल जाता है। पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤Ÿà¤¿à¤• सà¥à¤®à¤¾à¤ˆà¤² à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾ राय वकà¥à¤¤ के à¤à¤¸à¥‡ दोराहे पर खड़ी हैं जहाठ“इंटरनैशनल à¤à¤•à¥à¤¸à¤ªà¥‹à¤œà¤°” की गलफहमी और “मिडिल à¤à¤œ कà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤¸à¤¿à¤¸ की हारà¥à¤®à¥‹à¤¨à¤² उथम पà¥à¤¥à¤²” दोनों से आà¤à¤–ें चार हो रही हैं। अà¤à¤¿à¤¨à¤¯ की बजाय उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपना शरीर साबित करना है, साबà¥à¤¨ के विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨à¥‹à¤‚ तक में आवरण लघà¥à¤¤à¤¾ की ओर बॠरहे हैं। मूà¤à¤¦à¥œà¤¾ की नई फिलà¥à¤® “पà¥à¤°à¥‹à¤µà¥‹à¤•à¥à¤¡” में à¤à¤¶ बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨ में रह रहे नवीन à¤à¤‚डà¥à¤°à¥à¤¯à¥‚स की पीड़ित पतà¥à¤¨à¥€ की à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾ रही हैं (और मेरे खà¥à¤¯à¤¾à¤² से अब à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मूल के कलाकार नवीन à¤à¤‚डà¥à¤°à¥à¤¯à¥‚स ने हॉलिवà¥à¤¡ में आरà¥à¤Ÿ मलिक की जगह ले ली है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जहाठà¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ या पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ किरदार आये तो बस कासà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग वालों को कोई और नाम सूà¤à¤¤à¤¾ ही नहीं)। राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में ऊà¤à¤šà¥€ जात के पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की बलातà¥à¤•ार की शिकार à¤à¤• यà¥à¤µà¤¤à¥€ के चरितà¥à¤° पर नंदिता दास के साथ बवंडर नामक फिलà¥à¤® बनाकर मूà¤à¤¦à¥œà¤¾ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤£ फिलà¥à¤®à¤•ार बनने के खà¥à¤µà¤¾à¤¬ को सच बनाने की राह पर चल पड़े हैं।
पबà¥à¤²à¤¿à¤• फिगर बन जाने के नफे नà¥à¤•सान दोनों ही हैं। लोग आपके वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त जीवन में ताक à¤à¤¾à¤à¤• तो करते ही हैं किरदारों से आपकी तà¥à¤²à¤¨à¤¾ à¤à¥€ शà¥à¤°à¥ कर देते हैं। मैं खà¥à¤¦ यह कहने से लोठसंवरण नहीं कर पा रहा कि à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾ के पीड़ित पतà¥à¤¨à¥€ की à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¨à¥‡ की बात कà¥à¤› वैसी ही है जैसी अमिताठके किसी दरिदà¥à¤° की à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¨à¥‡ की बात। कहीं पà¥à¤¾ था कि à¤à¤¶ अपने होने वाले मनमीत में वो ततà¥à¤µ तलाशती हैं जो हमेशा बदलता रहता है, वो हमेशा सफल आदमी का दामन थामती रही हैं, जहाठसफलता का पारा गिरा मैडम हाथ छà¥à¥œà¤¾ कर किसी और की तलाश शà¥à¤°à¥ कर देती हैं। सलमान जब तॉप पर थे तब उनके साथ हो लीं, फिर विवेक का कैरियर गà¥à¤°à¤¾à¤« चà¥à¤¾ और à¤à¤¶ के साथ पà¥à¤°à¥‡à¤® à¤à¥€ परवान चà¥à¤¾ और अब सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ हैं कि सफलता की ओर अगà¥à¤°à¤¸à¤° अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• से उनका याराना बॠरहा है। अब हम ये पैटरà¥à¤¨ हम बिगबी के सà¥à¤ªà¥à¤¤à¥à¤° को बताने जायें तो बोलेंगे कि…