वकà¥à¤¤ à¤à¥€ कैसे कैसे रंग दिखाये! कà¥à¤› साल पहले तक à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मूल के हॉलीवà¥à¤¡ फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ जगमोहन मूà¤à¤¦à¥œà¤¾ अपनी सी गà¥à¤°à¥‡à¤¡ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के लिये जाने जाते थे। उनकी फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की पटकथा में कहानी का कम और सेकà¥à¤¸ सीनà¥à¤¸ का महतà¥à¤µ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रहता था। दरà¥à¤¶à¤• à¤à¤¸à¥€ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में “काम के सीनà¥à¤¸” देखने के लिये ही टिकट […]
फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ देखता हूà¤? मà¥à¤à¥‡ अचà¥à¤›à¤¾ लगता है। हम सà¤à¥€ आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨, जल और हवा पर जीते हैं पर मन की खà¥à¤°à¤¾à¤• कà¥à¤› और ही होती है। फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¾à¤¤à¥€ हैं। जब कà¤à¥€ मन खराब होता है तो यह मà¥à¤à¥‡ गà¥à¤¦à¤—à¥à¤¦à¤¾à¤•र हंसा देती है, जब अकेला होता हूठतो मेरा साथ देती हैं, जब परिवार और […]