किशोर ने तोड़ा आईफोन का तिलिस्म
आईफोन अमरीका में सबकी ज़बान पर है, जिनके पास ये है उनके पाँव ज़मीं पर नहीं पड़ रहे और जिनके पास नहीं है वो इसकी कीमत गैरवाजिब बता कर कन्नी काट रहे हैं। खैर निरंतर पर एक लेख में ईस्वामी ने काफी पहले लिखा था कि इस फोन की सबसे बड़ी खामी है कि ये केवल एक ही सर्विस प्रोवाईडर के साथ काम करता है और वो है एटीएंडटी। और इसी बात का तोड़ निकालने के लिये अपनी गर्मियों की छुट्टी शहीद की 17 साल के किशोर जॉर्ज होट्ज़ ने जिन्होंने 500 घंटों की मेहनत के बाद हार्डवेयर में सेंघ लगाकर अपना टीमोबाईल का सिम आईफोन पर चला ही लिया। जॉर्ज ने ये सारी कारगुज़ारी करते समय अपने ब्लॉग पर लगातार अपडेट ही नहीं दिये, इसे दोहराने के तरीके भी बताये, हालांकि कौन अपने 500 डॉलर के फोन पर ये जोखिम उठाता ये शोचनीय प्रश्न है। वो ये दावा करता है कि ये गैरकानूनी काम नहीं था, और खुशनसीबी से एप्पल और एटीएंडटी दोनों ने ही उससे कोई पूछताछ नहीं की है।
उल्लेखनीय बात ये है कि जॉर्ज ने ये सारी जानकारी गुप्त रखने या बेचने की बजाय उसको जाल पर सार्वजनिक रखा और उसकी नेकनीयति का फल ये मिला कि उसके अनलॉक्ड फोन के बदले एक कंपनी सर्टीसेल ने उसे उसकी ही इच्छा के मुताबिक एक चमचमाती निसान 3507 भेंट कर दी। साथ ही दिये तीन 8 जीबी के नये आईफोन और नौकरी भी। ये भी खबर है कि गूगल ने भी उसे नौकरी का न्योता दिया है। मेहनत और अच्छी नीयत का फल वाकई मीठा होता है।
देखिये जॉर्ज से ये साक्षात्कार, इसमें उसका उत्साह और आत्मविश्वास दंग कर देता है। अच्छा लगता है जब वो इंटरनेट समुदाय के मदद की बात करता है।
बच्चों की आजकल की इस तरह की क्रियेटिव बेचैनियां बड़ी दुरुस्त चीज़ है.. सही लिखा.
DRM या IPR के नाम पर उपभोक्ताओं को अपनी लग्गी से हाँकने का मंसूबा रखने वाली कंपनियों के लिए बढ़िया चेतावनी है ये प्रकरण.
हम्म हर ताले की चाबी होती है। किशोर ने इसे साबित कर दिया।
अभी मैं आपके इस लेख को देख रहा था की एक वेबसाइट लिंक मिला जहाँ पर किसी कंपनी के ५-६ व्यक्तियों ने मिलकर सॉफ्टवीएर द्वारा अनलाक करने मे सफल परीक्षण का दावा किया है… पर इस जॉर्ज नमक बालक ने जो कर दिखाया है वह काफी सराहनीय है… लगता है की AT&T का किस्मत ख़राब है …