बेंगाणी बंधà¥à¤“ं की मेहनत रंग लाई है और तरकश नये नवेले सà¥à¤µà¤°à¥‚प में समूह बलॉग के रूप में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है। तरकश का नया रूप और कलेवर मनोहारी है, छवि की टीम है ही होनहार कलाकारों का जमावड़ा। तरकश में पंकज, संजय और रवि जैसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ खिलाड़ी तो हैं ही, बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग के बाण साधने […]
मेरा डिलिशीयस पà¥à¤°à¤¾à¤²à¥‡à¤–ागार योडल अनेकà¥à¤¡à¥‹à¤Ÿà¤²à¤¯à¤¾à¤¹à¥‚ का कारà¥à¤ªà¥‹à¤°à¥‡à¤Ÿ बà¥à¤²à¥‰à¤— टैग: [blog corporate cv yahoo बà¥à¤²à¥‰à¤— याहू] à¤à¤¨à¤¡à¥€à¤Ÿà¥€à¤µà¥€ बà¥à¤²à¥‰à¤—à¥à¤¸à¤à¤¨à¤¡à¥€à¤Ÿà¥€à¤µà¥€ ने शà¥à¤°à¥ किया बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग पà¥à¤²à¥ˆà¤Ÿà¤«à¥‰à¤°à¥à¤®, पर समठन आवै कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? शेखचिलà¥à¤²à¥€ जी बतावें! टैग: [blog cv ndtv बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग]
निरंतर काउंटडाउन à¤à¤¾à¤— ३ नामचीन हिंदी अखबार देशबंधॠमें मंà¤à¥‡ साहितà¥à¤¯à¤•ार और चिंतक हरिशंकर परसाई का à¤à¤• कॉलम छपता था “पूछिठपरसाई से” जिसमें वे पाठकों के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° देते थे। तमाम किसà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨, राजनीति, इतिहास, समकालीन परिदृशà¥à¤¯, साहितà¥à¤¯ पर जिनमें कà¥à¤› चà¥à¤Ÿà¥€à¤²à¥‡ सवाल à¤à¥€ शामिल होते थे। निरंतर के पहले अवतार में […]
हालिया इंडिया आनलाईन सरà¥à¤µà¥‡ २००६ बà¥à¤²à¥‰à¤—जगत के लिये उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¥‹à¤‚ à¤à¤°à¥‡ निषà¥à¤•रà¥à¤· ले कर आई है। इस सरà¥à¤µà¥‡ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤ में तकरीबन २.१ करोड़ इंटरनेट पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾ हैं और इनमें से ८५ फीसदी, यानि लगà¤à¤— १.८ करोड़ बà¥à¤²à¥‰à¤— पà¥à¤¤à¥‡ हैं, जिनमें à¤à¤¸à¥‡ लोग à¤à¥€ है जो सà¥à¤µà¤¯à¤‚ बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग नहीं करते। आंकड़ें अविशà¥à¤µà¤¨à¥€à¤¯ लगते हैं पर अगर […]
निरंतर काउंटडाउन à¤à¤¾à¤— 2 बिलà¥à¤•à¥à¤² यही वजह है कि निरंतर, सिरà¥à¤« à¤à¤• मैगैज़ीन नहीं, बà¥à¤²à¥‰à¤—ज़ीन है। निरंतर के लेखों में सिरà¥à¤« संपादक मंडल की ही नही, इसके लेखकों की ही नही वरनॠआपकी राय à¤à¥€ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होनी चाहिà¤à¥¤ इसी कड़ी में निरंतर के अगसà¥à¤¤ अंक में पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकिया जा रहा है à¤à¤• नया सà¥à¤¤à¤‚ठ“जनमंच“। […]
निरंतर काउंटडाउन à¤à¤¾à¤— १ निरंतर à¤à¤• अà¤à¤¿à¤¨à¤µ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— रहा है। यह पहली à¤à¤¸à¥€ पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा है जो न केवल गैरपेशेवर पà¥à¤°à¤•ाशकों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निकाली जाती है बलà¥à¤•ि पाठकों को पà¥à¤°à¤•ाशित लेखों पर तà¥à¤µà¤°à¤¿à¤¤ टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ करने का मौका à¤à¥€ देती है। इस तरह ये सिरà¥à¤« ज़ीन नहीं, विशà¥à¤µ की पà¥à¤°à¤¥à¤® बà¥à¤²à¥‰à¤—ज़ीन बन सकी। किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•ाशन में पाठकों […]