जिहà¥à¤µà¤¾ ने हसीब के à¤à¤• हासà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤ªà¤¦ लेख की चरà¥à¤šà¤¾ इस चिटà¥à¤ े में की है। हसीब का मानना है कि अगर कशà¥à¤®à¥€à¤° जीतना है तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ को पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से आगामी कà¥à¤°à¤¿à¤•ेट शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला हार जाना चाहिà¤à¥¤ हैरत होती है कि कलमकार कागज पर कशà¥à¤®à¥€à¤° जैसी समसà¥à¤¯à¤¾ का किस तेजी से हल निकाल लेते हैं। तरस à¤à¥€ आता […]
सागरिका घोष मानती हैं कि à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के मन में यह पेच रहा है कि वह बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, कलाकारों और इतिहासकारों का दिल नहीं जीत पाई। सर विदिया को मंच पर ला कर वे इस बात को à¤à¥à¤Ÿà¤²à¤¾à¤¨à¤¾ चाहते हैं। कैसी विडंबना है कि जिस जमात के विचारों को छदà¥à¤® धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¦ या वामपंथी विचारधारा बता कर खारिज […]
तकरीबन 3 सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ के बà¥à¤²à¥‰à¤— वनवास के बाद वापसी हो रही है। अà¤à¥€ पूरà¥à¤£ रूप से मन à¤à¥€ नहीं बन पा रहा है। सब नया सा लग रहा है। 12 फरवरी, 2004 को मेरी माताजी के पेट के अलà¥à¤¸à¤° की शलà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ की गई। सब ठीक रहा, वो अब घर आ गईं हैं। सà¥à¤–द बात ये […]
अतà¥à¤¯à¤‚त हरà¥à¤· की बात है कि चिटà¥à¤ ों की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में पहला संसà¥à¤•ृत चिटà¥à¤ ा जसमीत ने कौटिलà¥à¤¯ उपनाम से लिखना पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकिया है। अहो à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤®à¥! आशा है वे नियमित रूप से लिखेंगे।
आज के दैनिक à¤à¤¾à¤¸à¥à¤•र में मनोहर पà¥à¤°à¥€ ने अपने à¤à¤• लेख* में à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बिंदू पर चरà¥à¤šà¤¾ की है। कà¥à¤¯à¤¾ वोट डालना अनिवारà¥à¤¯ कर देना चाहिà¤? हालांकि लेखक के इस तरà¥à¤• से मैं कतई सहमत नहीं कि वोट न डालने वालों को सरकार के कलापों पर नà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾ चीनी का हक नहीं होना चाहिठपर हाठ[…]
शैल का हिंदी चिटà¥à¤ ा अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ इस शà¥à¤°à¥ƒà¤‚खला में à¤à¤• और कड़ी है। लख लख बधाईयाठशैल! हिंदी चिटà¥à¤ ों की जमात में आपका सà¥à¤µà¤¾à¤—त है।