नà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¥€ ने मेज़बानी की तीसरी अनà¥à¤—ूà¤à¤œ की, और विषय à¤à¤¸à¤¾ था जिस पर à¤à¤• अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ बà¥à¤²à¥‰à¤—र लगातार लिखते रहे हैं, “द à¤à¤•ारà¥à¤¨” के रचनाकार, सिंगापà¥à¤° में बसे, नितिन पई। पेशे से दूरसंचार इंजीनियर नितिन à¤à¤• पà¥à¤°à¤–र व मौलिक चिटà¥à¤ ाकार हैं। अपने चिटà¥à¤ े में वे दकà¥à¤·à¤¿à¤£â€ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤ˆ राजनैतिक और आरà¥à¤¥à¤¿à¤• परिदृशà¥à¤¯ पर खरी खरी लिखतें हैं, […]
मेहमान का चिटà¥à¤ ाः नितिन मेरा यह मानना है कि जब तक पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ अपने à¤à¤¾à¤°à¤¤-विरोध को छोड़ खà¥à¤¦ अपनी राह पर नहीं चलता तब तक उप-महादà¥à¤µà¥€à¤ª में पूरà¥à¤£ शांति की आशा नहीं की जा सकती। 1947 के बाद चाहे-अनचाहे पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ à¤à¤• सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° राषà¥à¤Ÿà¥ƒ बन गया है, यह à¤à¤• सतà¥à¤¯ है। लेकिन सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की अपनी सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° […]