सप्ताह 08 के स्वादिष्ट पुस्तचिन्ह

मेरा डिलिशीयस पुरालेखागार देसीडब्बाछोटे और बड़े पर्दे की चटपटी खबरों के साथ साक्षी का नया उपक्रम।टैग: [tv cinema desidabba gossip] चेंजआप क्या बदलना चाहते हैं दुनिया में?टैग: [change.org socialsoftware] इवेंट्स इन इंडियाभारत में हो रहे आयोजनों की समयसूचीटैग: [eventsinindia] मिंटहिंदुस्तान टाईम्स और वॉल स्ट्रीट जर्नल का नया, बेहद युवा अखबारटैग: [livemint mint ht wsj newspaper […]

डोमेन ले लो, डोमेन

हिन्दी में डिग जैसी साईट बनाने के उद्देश्य से मैंने ६ ७ माह पहले दो डोमेन बुक कराये थे। पर योजना पर काम करते करते देर हो गई और मेरा मन इसे पर से उब चला है। मैं ये दोनों डोमेन नाम बेचना चाहता हूं, एक है कड़ीघर डॉट कॉम और दूसरा एक डॉट इन […]

भूसंपत्ति की कीमतें : मुख्यधारा का मीडिया अब चेता

अर्थनीति जैसे विषयों में मेरी खास रुचि नहीं रही पर फिर भी इंडियन इकॉनामी ब्लॉग पर नज़र रखता रहा हूँ। गये साल होम लोन लेने के बाद मुझे भूसंपत्ति के बारे में थोड़ी जानकारी बढ़ाने का मौका मिला और लगातार बढ़ती कीमतों और कर्ज़ दरों को लेकर चिंतित भी रहा। इस बीच लोगों से चर्चा […]

अ मिलियन पैंग्विंस

कोलैबोरेटिव, विज़्डम आफ क्राउड्स, सोशियल नेटवर्किंग। सब सुने शब्द हैं न? आजकल तो इन्हीं शब्दों का अंतर्जाल पर बोलबाला है और इसमें एक नया अध्याय जुड़ रहा है। मशहूर प्रकाशक पेंग्विन ने इसी भावना से एक विकीनोवल का विचार प्रस्तुत किया है, अ मिलियन पैंग्विंस में जिसमें विकी के द्वारा उपन्यास लिखें जायेंगे। हालांकि ऐसे […]

अब इंटरनेट ही आपका बुद्धु बक्सा भी

भारतीय अर्थव्यवस्था उबाल पर है और फील गुड फैक्टर राजनैतिक विज्ञापनों से निकल हमारे जीवन में ही क्या इंटरनेट पर भी उतर चुकी है, वह भी वेब २ उन्माद की छौंक के साथ। यूट्यूब का देसी संस्करण बनने के इच्छुक तेरा विडियो, तुम ट्यूब और मेरा विडियो के बाद अब बारी है हाल ही में […]

वर्डप्रेस 2.1 पर टैग पल्गइन के पंगे

अगर आप ने हाल ही में वर्डप्रेस 2.1 पर अपग्रेड किया है और आप अल्टीमेट टैग वारीयर या बनी टैग्स पल्गइन का प्रयोग करते हैं तो इस प्रविष्टि को अवश्य पढ़ें। नये वर्डप्रेस की फिलहाल इन दोनों पल्गइन से नहीं बन रही है और जैसे ही कोई आपके पोस्ट पर टिप्पणी करता है आपकी सारी […]

सुन सुना

इस चिट्ठे के नियमित पाठक रेडियो जॉकी बनने की मेरी छुपी अभिलाषा के बारे में पढ़ चुके होंगे, और यह भी कि कैसे मैं अवसर मिलने पर भी यह पूर्ण न कर सका। पर हाल के दिनों में दो ऐसे अवसर मिले जब मुझे श्रव्य माध्यमों पर बोलने का मौका मिला। पहला मौका था रेडियो […]