तहलका हिन्दी पत्रिका में झरिया की कोयला खदानों के गिर्द भूमिगत आग के बारे में रोचक खोजपरक लेख छपा है। निरंतर पत्रिका में अतुल अरोरा और मैंने आज से दो साल पहले इसी विषय पर एक और खोजपरक लेख लिखा था, एक दहकते शहर की दास्तान।