हिन्दी चिट्ठाकारी के दिन बहुरे?

ये सवाल रवि भैया पूछ रहे हैं चिट्ठा चर्चा पर। प्रसंग है अनामदास, रवीश तथा प्रमोद की ब्लॉग प्रविष्टियों का किसी प्रिंट पत्रिका (“बया”) में प्रकाशन। चिट्ठाकारों का मुख्यधारा के प्रकाशन में जाना नई बात तो नहीं है पर हिन्दी चिट्ठाजगत के लिये ये ज़रूर नई बात है। चिट्ठाकारी के शुरुवाती दिनों में लोग ब्लॉगिंग […]