हिन्दी समाचार स्थलों से ताज़ा सुर्खियाँ
अंतर्जाल पर हिन्दी सामग्री की बात हो तो समाचारों स्थलों का हिन्दी में होना भी वाजिब बात थी। कुछ समय पहले तक दैनिक भास्कर, नवभारत टाईम्स जैसे अखबारों के जालस्थल यूनीकोडित न होने की वजह से इन्हें एग्रीगेट कर पाना मुश्किल काम था। दिसंबर में कड़ी अन्वेषी अनुनाद ने सूचना दी थी कि मेधास के कर्मठ सदस्यों की मेहनत से प्रोपायटरी फाँट प्रयोग करने वाले अनेकानेक ऐसे समाचार स्थलों के यूनीकोडित स्वरूप उपलब्ध हैं। साथ ही सराय के सदस्यों के श्रम से अनेकों ऐसे स्थलों की क्षमल फीड भी अब उपलब्ध है।
इन सभी हिन्दी समाचार स्थलों से ताज़ा सुर्खियाँ एक ही जगह पर दिखाने के लिये मैंने ब्लॉगर पर एक जुगाड़ तैयार किया है। सुर्खियाँ में आप इन स्थलों से पाँच ताज़ा समाचार की कड़ियाँ देख पायेंगे। यदि कोई कड़ी छूटी हो तो टिप्पणी द्वारा वहीं बतायें, समय समय पर नये समाचार जालस्थल जोड़े जाते रहेंगे।
है तो बडा सही, लेकिन क्या ये संभव हो सकता है कि कुछ कुछ समाचार पत्रों की न्यूज में जो आगे से तारीख आ रही है वो हठ सकती है क्या जैसे कि अन्य समाचारों में देख सकते हैं। ब्लोग डिगर जैसे किसी में इन सबको इकट्ठे करके फीड तैयार कर सकते है क्या। अगर हाँ तो उसे फिर हम किसी भी ब्लोग के साईड में लगा सकते हैं। वैसे अभी अक्षरग्राम के साइड में कुछ समाचार देखे तो थे, पता नही सुर्खियों में और उसमें समानता है या दोनो अलग अलग फीड सोर्स से हैं।
तरुण,
मेरा ख़्याल था कि समाचार की सुर्खी के साथ तारीख दिखनी ही चाहिये ताकि पता चले की ख़बर किस तिथि की है। सुर्खियाँ ब्लॉग पर कुछ जगह आपको तारीख दिख रही होगी कुछ में नहीं, इसकी वजह यह है कि फीड्स में अगर तारीख की जानकारी उपलब्ध कराई गई हो तो वो दिखाई जाती है।
आपका सुझाव बढ़िया है। मैंने सर्वप्रथम ब्लॉगडिग्गर पर ही ये प्रयास किया था, यहाँ देखें, पर ब्लॉगडिग्गर फीड्स को अद्यतन करने के मामले में बड़ा सुस्त है और समाचार के मामले में यह ज़रुरी हो जाता है कि फीड्स शीघ्रता से अपडेट हों। मुझे मालूम नहीं कि ब्लॉगर किस अंतराल में फीड्स अपडेट करता है पर निश्चित ही ये ब्लॉगडिग्गर से तेज़ ही होगा।
अक्षरग्राम पर ब्लॉगडिग्गर की फीड से ही सुर्खियाँ दिखती हैं, पर ये एक प्रयोग भर था, वे शीघ्र ही हटा ली जायेंगी।
Bahut sahi jugad,
bahut bahut badhai.
Achha prayas hai, ye project kaafi safal ho sakta hai, lekin kya koi copyright ka panga hoga? Jo Newspaper apni feed nahi dete, unke feed dikhana, kisi kaanoon ka violation hoga kya?
जीतू पंगा होगा तो हटा लेंगे वैसे भी फीड बनाने वालों नें इस बात की तसदीक कर ली होगी ऐसी उम्मीद है, हम तो बस फीड के कंज़्यूमर हैं।
देवाशिष भाई यह एक उपयोगी जुगाड़ लग रहा है…क्या यह सुर्खियाँ अलग अलग समाचार पत्रों से होंगी या किसी एक से…। अगर अलग होंगी तो समाचार पत्र का नाम भी साइड में आएगा….।
दिव्याभः क्या वाकई आपने सुर्खियाँ ब्लॉग पर जाकर देखा? आपके सवाल से ऐसा लगता तो नहीं है।
बहुत अच्छा प्रयास। साधुवाद !
पी. टी. आई. भाषा की साइट भी यूनिकोडिट है:
http://www.ptinews.com/bhasha/ptisite.nsf
This is beautiful !
There could not have been a better way of bypassing the change-resistance newspapers that are ‘hiding’ so much content under their proprietary fonts.
Can you tell me who do I request to add more Gujarati newspapers to Medhas site ?
अच्छा लग रहा है /
मैं तो लगभग इस जुगाड़ की तलाश पिछले २ महीने से कर रहा था /