उन्मुक्तः आप सही कह रहे हैं। ये तो मौज लेने के लिये लिखा, वरना जादू केवल कैमरा ट्रिक्स, आमंत्रित दर्शकों की प्रायोजित प्रतिक्रिया और प्रॉप्स के चतुर उपयोग का ही दूसरा नाम है 🙂
आपका क्या कहना है ?
लेखक के बारे में
देबाशीष चक्रवर्ती
पुणे स्थित एक सॉफ्टवेयर सलाहकार देबाशीष चक्रवर्ती हिन्दी के शुरुवाती चिट्ठाकारों में से एक हैं। वे इंटरनेट पर Geocities के दिनों से सक्रिय रहे हैं, उन्होंने अक्टूबर 2002 में अपना अंग्रेज़ी ब्लॉग नल प्वाइंटर और नवंबर 2003 में हिन्दी चिट्ठा नुक्ताचीनी आरंभ किया। देबाशीष DMOZ पर संपादक रहे हैं। ... [पूरा पढ़ें]
बात तो सही कह रहे हैं पर शायद यह शीशे पर चल रहे हैं।
उन्मुक्तः आप सही कह रहे हैं। ये तो मौज लेने के लिये लिखा, वरना जादू केवल कैमरा ट्रिक्स, आमंत्रित दर्शकों की प्रायोजित प्रतिक्रिया और प्रॉप्स के चतुर उपयोग का ही दूसरा नाम है 🙂