उन्मुक्तः आप सही कह रहे हैं। ये तो मौज लेने के लिये लिखा, वरना जादू केवल कैमरा ट्रिक्स, आमंत्रित दर्शकों की प्रायोजित प्रतिक्रिया और प्रॉप्स के चतुर उपयोग का ही दूसरा नाम है 🙂
मैं हूँ देबाशीष चक्रवर्ती, पुणे का वासी हूँ, सॉफ्टवेयर बनाना आजीविका का साधन है और ये है नवंबर 2003 में प्रारंभ तकनलाजी, समाज व राजनीति पर नुक्ताचीनी करता हुआ मेरा हिन्दी ब्लॉग। पढ़ें और अपनी राय ज़रूर बतायें। यदि आप मेरे विषय में और जानने को उत्सुक हों तो यहाँ देखें। मुझसे संपर्क करने के लिये यहाँ क्लिक करें।
बात तो सही कह रहे हैं पर शायद यह शीशे पर चल रहे हैं।
उन्मुक्तः आप सही कह रहे हैं। ये तो मौज लेने के लिये लिखा, वरना जादू केवल कैमरा ट्रिक्स, आमंत्रित दर्शकों की प्रायोजित प्रतिक्रिया और प्रॉप्स के चतुर उपयोग का ही दूसरा नाम है 🙂