वकà¥à¤¤ à¤à¥€ कैसे कैसे रंग दिखाये! कà¥à¤› साल पहले तक à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मूल के हॉलीवà¥à¤¡ फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ जगमोहन मूà¤à¤¦à¥œà¤¾ अपनी सी गà¥à¤°à¥‡à¤¡ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के लिये जाने जाते थे। उनकी फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की पटकथा में कहानी का कम और सेकà¥à¤¸ सीनà¥à¤¸ का महतà¥à¤µ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रहता था। दरà¥à¤¶à¤• à¤à¤¸à¥€ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में “काम के सीनà¥à¤¸” देखने के लिये ही टिकट […]
हम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ तो जनà¥à¤®à¤œà¤¾à¤¤ हिपोकà¥à¤°à¤¿à¤Ÿ हैं ही। कथनी और करनी का अंतर न हो तो हमारी पहचान ही विलीन हो जाये। कà¥à¤› दिनों पहले जब देह मलà¥à¤²à¤¿à¤•ा के कॉनà¥à¤¸ के पहनावे की बात आयी जिसमें कपड़ा कम और जिसà¥à¤® ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ था तो मà¥à¤à¥‡ मलà¥à¤²à¤¿à¤•ा और à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾ कि महतà¥à¤µà¤¾à¤•ाकà¥à¤·à¤¾à¤‚ओं में कà¥à¤› खास फरà¥à¤• नहीं नज़र आया। […]