देह पर टिकी संसà¥à¤•ृति
अकà¥à¤·à¤°à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® अनà¥à¤—ूà¤à¤œ – पहला आयोजन
à¤à¤• नज़र मायानगरी मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ के à¤à¤• अखबार कि सà¥à¤°à¥à¤–ियों पर। सिनेमा के इशà¥à¤¤à¤¹à¤¾à¤° वाले पृषà¥à¤Ÿ पर मलà¥à¤²à¤¿à¤•ा अपने आधे उरोज़ और अधोवसà¥à¤¤à¥à¤° की नà¥à¤®à¤¾à¤ˆà¤¶ कर अपनी नई फिलà¥à¤® का बà¥à¤²à¤¾à¤µà¤¾ दे रही हैं। पृषà¥à¤Ÿ पर à¤à¤¸à¥‡ दरà¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ हैं, औरत मरà¥à¤¦ के रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को नठचशà¥à¤®à¥‡ से देखा जा रहा है। पेज ३ पर अधेड़ और जवां पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¿à¤¤ हसà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के मदहोश, अधनंगे चितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के साथ उनकी निजी ज़िनà¥à¤¦à¤—ी पर कानाफà¥à¤¸à¥€ है। मà¥à¤–पृषà¥à¤Ÿ पर खबर है अमेरिकी हाई सà¥à¤•ूलों में डेटिंग कि जगह “हà¥à¤• अप” (रात गई बात गई) ने ले ली है। à¤à¥€à¤¤à¤° के à¤à¤• पृषà¥à¤Ÿ पर डॉ .मोजो à¤à¤• २३ वरà¥à¤·à¥€à¤¯ पाठिका की परेशानी का समाधान दे रहे हैं जो कि अपने पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ के “लघॠआकार” से वà¥à¤¯à¤¥à¤¿à¤¤ हैं। वरà¥à¤—ीकृत विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ के हेलà¥à¤¥ वरà¥à¤— में अनोखे मसाज़ पारà¥à¤²à¤° के इशà¥à¤¤à¤¹à¤¾à¤° मसाज़ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ वरà¥à¤£à¤¨ मसाज़ करने वाली/वाले लोगों का ज़िकà¥à¤° कर रहा है। à¤à¤• अनà¥à¤¯ लेख में चितà¥à¤°à¤®à¤¯ चरà¥à¤šà¤¾ का विषय है कि औरतों को पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के नितंब कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पसंद आते हैं। पà¥à¤°à¤¿à¤¤à¤¿à¤¶ नंदी अपने सà¥à¤¤à¤‚ठमें किसी सरà¥à¤µà¥‡ का हवाला देते हà¥à¤ लिखते हैं कि संसार में समलैंगिक पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ सामानà¥à¤¯ पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ कि तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में कहीं जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हो गई है (कहीं इसलिठतो मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ महिलाओं के लिठसà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं मानी जाती)। मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ के à¤à¤• पà¥à¤°à¥à¤µ मेयर अपने साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•ार में à¤à¤¤à¤°à¤¾à¤œà¤¼ जता रहे हैं बिंदास होती जा रहीं लड़कियों के आचरण पर। à¤à¤• दूसरे साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•ार में हेमा मालिनी आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ जता रही हैं कि आजकल लड़कियां रोल पाने के लिठकिसी à¤à¥€ हद तक जा रही हैं (दीगर बात है कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शायद ईशा देओल की फिलà¥à¤® धूम नहीं देखी)। बाहर देखता हूठकि कà¥à¤› सà¥à¤•ूली बचà¥à¤šà¤¿à¤¯à¤¾à¤ परिपकà¥à¤µ कपड़ों में धà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾à¤•रà¥à¤·à¤£ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ पारित करने में लगी हैं। पड़ोस के मनचले लड़के अपनी “मीन मशीन” का हारà¥à¤¨ बजाते हà¥à¤ पड़ोस से निकलते हैं और बचà¥à¤šà¤¿à¤¯à¤¾à¤ खिलखिला उठती हैं। वे देह की परीकà¥à¤·à¤¾ में पास हो गई हैं शायद। उधर बाग के हर कोने में कईजोड़े पà¥à¤°à¥‡à¤® का सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ के अपने जवां होने का पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ दे रहे हैं, à¤à¤²à¥‡ ही अधिकांश पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की अà¤à¥€ मूà¤à¤›à¥‡ à¤à¥€ नहीं आई हों। ज़ाहिर है जब उनके बिज़ी माता पिता सà¥à¤¬à¤¹ 4 बजे पारà¥à¤Ÿà¥€ से टà¥à¤¨à¥à¤¨ लौटेगे तो उनके पास होनà¥à¤¡à¤¾ सिटी कि पिछली सीट पर लिखी उनके सà¥à¤ªà¥à¤¤à¥à¤° की रात कि दांसà¥à¤¤à¤¾à¤‚ टटोलने का बल ना होगा। कà¥à¤² मिलाकर यà¥à¤µà¤¾à¤“ं ने इस नठरसायन शासà¥à¤¤à¥à¤° की पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¥‹à¤—िक परीकà¥à¤·à¤¾ में अवà¥à¤µà¤² आने कि ठान रखी है।
इतिहास गवाह रहा है बदलावों का। जैसे जैसे वकà¥à¤¤ की बयार की गति और रà¥à¤– बदलते हैं वैसे ही मानवीय संवेनाओं की रेत कहीं और जाकर नया आकार पाती है। कà¤à¥€ पैसा, कà¤à¥€ मानवीय कमजोरियाà¤, कà¤à¥€ धरà¥à¤® तो कà¤à¥€ अधरà¥à¤®, कà¤à¥€ राजनैतिक तो कà¤à¥€ सांसà¥à¤•ृतिक बदलाव के à¤à¥‹à¤‚के, कई कारक मिलकर गà¥à¤¤à¥‡ हैं संवेदनाओं का रà¥à¤ªà¥¤ बदलाव के जिस बयार की बात कर रहा हूठवह शायद माया की चलाईहà¥à¤ˆ है। तà¤à¥€ संà¤à¤µà¤¤à¤ƒ ज़िकà¥à¤° माया नगरी का आया। मैं आज के à¤à¥‚टान के बारे में नहीं जानता पर मà¥à¤à¥‡ याद है कि à¤à¥‚टान नरेश के à¤à¤• काफी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•ार में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किठउनके विचार, कि कैसे सैटेलाईट चैनलों के पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£ पर बाà¤à¤§ लगाकर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने छोटे से देश की संसà¥à¤•ृति को बचाकर रखा। हमारे देश में पà¥à¤°à¤—तिशीलता के मापदंड पर सेंसरशिप को अà¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤ª माना जाता है, अनà¥à¤ªà¤® खेर को केनà¥à¤¦à¥à¤°à¥€à¤¯ फिलà¥à¤® पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¨ बोरà¥à¤¡ से बाहर करवाने वालों की à¤à¤• बड़ी शिकायत यह à¤à¥€ थी कि इनके राज में सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• “औ फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ जारी हà¥à¤ˆà¤‚ (इसमें à¤à¤²à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ शक है कि “मरà¥à¤¡à¤°” सपरिवार देखने लायक फिलà¥à¤® थी) तिस पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने टीवी पर à¤à¥€ लगाम कसने की बात कही।
मà¥à¤à¥‡ यह बात बड़ी हासà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥à¤ªà¤¦ लगती है कि राजनैतिक संपà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¤¾ पर गरà¥à¤µ करने वाले हम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अपनी सांसà¥à¤•ृतिक संपà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¤¾ कि रतà¥à¤¤à¥€ à¤à¤° à¤à¥€ परवाह नहीं करते। शायद इसलिठकि इस देश ने फà¥à¤°à¤¾à¤‚स की तरह कà¤à¥€ कोई सांसà¥à¤•ृतिक आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ ही नहीं देखा। जिस सांसà¥à¤•ृतिक संपà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¤¾ को बचाने के लिठà¤à¥‚टान जैसे छोटे मà¥à¤²à¥à¤• कदम उठाने में नहीं à¤à¤¿à¤à¤•ते उसे हमने मà¥à¤•à¥à¤¤ बाजार और वैशà¥à¤µà¤¿à¤• अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के नाम पर सरेआम नीलाम कर दिया। 200 साल अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ की गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ करने के बाद अब हम उनके सांसà¥à¤•ृतिक गà¥à¤²à¤¾à¤® बन गठहैं।
दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ बदली है, मानता हूà¤, पर हमारे मनोरंजन के मायने बदले मà¥à¤•à¥à¤¤ बाजार और केबल टीवी ने, सोप से रियेलिटी टीवी से आज के उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤• रीमीकà¥à¤¸ तक अब हमारा कà¥à¤› नहीं रहा। जिस कà¥à¤°à¤¿à¤•ेट के हम दिवाने हैं वह à¤à¥€ हमारा खेल नहीं है। आप शायद ये कहें कि कà¥à¤¯à¤¾ यह उचà¥à¤šà¤¶à¥à¤°à¥ƒà¤‚खलता, उनà¥à¤®à¥à¤•à¥à¤¤à¤¤à¤¤à¤¾ 70-â€80 के दशक में नहीं थी? à¤à¤¾à¤°à¤¤ का कौन सा à¤à¤¸à¤¾ शहर है जहाठ“सिरॉको” न दिखाई गयी हो, कौन सा इलाका जहाठका केबल वाला à¤à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¹à¥à¤²à¤¾à¤¦ की सीडी नहीं रखता। सही मानना है आपका पर कम से कम जो à¤à¥€ होता था वो होता था परदे के अंदर। गटर को खà¥à¤²à¤¾ रखोगे तो सड़ाà¤à¤˜ फैलेगी ही।
बहरहाल मायानगरी से जो संदेश बाहर जा रहे हैं वो देश के हर कोने को दूषित कर रहे हैं। इस माया के पीछे माया नगरी के कौन लोग हैं नहीं जानता। पर यही ताकतें, जो मानती हैं कि देह ही सब कà¥à¤› है और सेकà¥à¤¸ हर हाल में बिकता है, देश कि सांसà¥à¤•ृतिक राजधानी में बैठकर यह तय कर रही हैं कि देश के मनोरंजन के पैमाने कैसे होंगे। पर मेरे दोसà¥à¤¤, मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ और दिलà¥à¤²à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ नहीं है, हà¥à¤•à¥à¤®à¤°à¤¾à¤¨à¥‹ के पास दूरदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ न सही कॉमन सेंस तो हो। वरना à¤à¤• TB-6 चैनल बैन करने से कà¥à¤¯à¤¾ होगा हलà¥à¤•े डोज़ देने वाले हज़ारों वैकलà¥à¤ªà¤¿à¤• TB-6 खरपतवार की तरह फैल रहे हैं।
देवाशीष जी,
सबसे पहले तो असरदार लेख के लिये बधाई सà¥à¤µà¥€à¤•ार करें.
आपका कहना सही है, कि लोगो के नजरिये मे,सेकà¥à¤¸ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ कà¥à¤› बदलाव तो आया है, लेकिन इस बदलाव की हवा उतनी तेज नही है, जितनी मीडिया और फिलà¥à¤®à¤µà¤¾à¤²à¥‹ ने महसूस की है, लेकिन गलती उनकी à¤à¥€ नही है, यहाठतो à¤à¥‡à¥œà¤šà¤¾à¤² चलती है, अगर किसी सबà¥à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿ पर à¤à¤• फिलà¥à¤® हिट होती है, तो दस और लाइन मे लग जाती है. रही बात पेज थà¥à¤°à¥€ वालों की, उन पर किसी का जोर नही चलता
देबाशीष जी, आपकी कलम का पैनापन इस बार à¤à¥€ शिदà¥à¤¦à¤¤ से महसà¥à¤¸ करवाया आपने। बहà¥à¤¤ खà¥à¤¬, à¤à¤ˆ वाह! लेख के पà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤§ में तो गजब ही ढा दिया आपने…आपके इस कथन की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ कि ‘..हà¥à¤•à¥à¤®à¤°à¤¾à¤¨à¥‹ के पास दूरदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ न सही कॉमन सेंस तो हो..’ गत दिनों तीरà¥à¤¥à¤°à¤¾à¤œ पà¥à¤·à¥à¤•र में हà¥à¤ˆ ईज़राईली बालाओं के नगà¥à¤¨ नृतà¥à¤¯ ने à¤à¥€ की जो वहाठके कलेकà¥à¤Ÿà¤° à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• अधिकारीयों के शह पर हà¥à¤†…
देबाशीष, सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤®, कादंबिनी के लिये बधाई!
अगर देह की बात की जाये तो शायद à¤à¤¸à¤¾ पहली बार नही हो रहा है.इतिहास देंखे तो घनानंद के पतन का à¤à¤• कारण, उसका और उसके अधिकारियों, मंतà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ का à¤à¥‹à¤— विलास में लिपà¥à¤¤ रहना था.अहिलà¥à¤¯à¤¾ की कहानी तो सबको पता ही है. बौदà¥à¤§, जैन धरà¥à¤® के जनà¥à¤® लेने का à¤à¤• कारण जनता में बढती अनैतिकता à¤à¥€ थी. मेरा ये मानना है कि नियम कानून तà¤à¥€ मायने रखते हैं जब हम उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मानना
देबाशीश, मेरे चिटà¥à¤ े पर आपकी टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ के लिठआपका आà¤à¤¾à¤°| जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ खà¥à¤¶à¥€ इसलिठà¤à¥€ कि मेरे पहले हिनà¥à¤¦à¥€ परà¥à¤¯à¤¾à¤¸ पर मेरे चिटà¥à¤ े में पहली टीप मेरे पसंदीदा चिटà¥à¤ ों के लेखक दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मिली | आपको धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦,
सवाल यह है कि टीवी, वीडियो व अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤œà¤¾à¤² की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में आप किस किस पर अङà¥à¤•à¥à¤¶ लगाà¤à¤à¤—े? पारिवारिक संसà¥à¤•ार ही काम आà¤à¤à¤—े।
बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ व सतà¥à¤¯ है।
आशीष [11.02.04 – 11:13 am]