निरंतर पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा की कà¥à¤› बातें
पाठकों, आपको सà¥à¤®à¤°à¤£ होगा कि निरंतर के पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ अंक अकà¥à¤·à¤°à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हमारे पूरà¥à¤µ सरà¥à¤µà¤° से नषà¥à¤Ÿ हो गये थे। ये अंक दà¥à¤°à¥à¤ªà¤² आधारित सिविकसà¥à¤ªà¥‡à¤¸ पर बने थे। दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¶ इन अंकों का हमारे पास बैकअप नहीं था। अंक 7 के उपरांत हम निरंतर के अपने नये सरà¥à¤µà¤° और जूमला पà¥à¤°à¤•ाशन पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ पर सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾à¤‚तरित हो गये थे। इसके पहले पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ अंको की सामगà¥à¤°à¥€ खंगालने में कईयों ने मदद की। पंकज ने अपने होसà¥à¤Ÿ से दरियाफà¥à¤¤ की। रवि à¤à¥ˆà¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सीडी और जीमेल से पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ ईमेल खोज खोज कर अपनी लिखी और अनà¥à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ सामगà¥à¤°à¥€ बटोर कर अनवरत à¤à¥‡à¤œà¤¤à¥‡ रहे। जो कà¥à¤› खोज न सकें उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अफसोस à¤à¥€ जताया।
निरंतर दल अब आहिसà¥à¤¤à¤¾ आहिसà¥à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ अंकों को पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¿à¤¤ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहा है। मेरे साथ अनà¥à¤¯ कई लोगों ने पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सामगà¥à¤°à¥€ खंगालने की कोशिश की। वेब आरà¥à¤•ाईव पर à¤à¥€ खोजा पर खास हासिल नहीं हà¥à¤†à¥¤ हाल ही में मà¥à¤à¥‡ विचार आया कि कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ किसी परà¥à¤®à¤¾à¤²à¤¿à¤‚क यानि सà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ कड़ी से वेब आरà¥à¤•ाईव पर खोज की जाय और आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ का ठिकाना न रहा जब इस तरह खोजने पर काफी हद तक पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सामगà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो गई। इन पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ अंकों में काफी कà¥à¤› पठनीय सामगà¥à¤°à¥€ है।
पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ अंको को पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¤ करने की कड़ी में हाल ही में हमने मारà¥à¤š 2005 का पहला अंक जारी किया है। फिलहाल इसे मà¥à¤–पृषà¥à¤ पर उपलबà¥à¤§ कराया गया है। अनूप ने देखा तो बोले बड़ा नोसà¥à¤Ÿà¤¾à¤²à¤œà¤¿à¤• लग रहा है। शà¥à¤°à¥€à¤¶ ने à¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¾ तो उछल पड़े। यह सामगà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ है, दरअसल तीन साल पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€à¥¤ तो ज़ाहिर है, कई कड़ियाठटूटी होंगी पर हमें विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है कà¥à¤› न कà¥à¤› आपकी पसंद का ज़रूर होगा। उस समय हमें ईसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ और अनà¥à¤¨à¤¾à¤¦ जैसे कà¥à¤› ही पारखी पाठक मिले थे जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ की थी। पंकज नरूला, रमण कौल, जीतू, अतà¥à¤² अरोरा, अनूप, ईसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जैसे अनेकों का हाथ इसमें रहा है, मà¥à¤à¥‡ यकीन है कि सामà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• पहलू आपकी नज़र से नहीं बचेगा।
आपकी खास तवà¥à¤µà¤œà¥‹à¤¹ चाहà¥à¤‚गा दीना मेहता के लेख और वेबलॉग नीतिशासà¥à¤¤à¥à¤° पर, जो शायद आज à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक हैं। मिकà¥à¤¸ मसाला में उस समय के à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ चिटà¥à¤ ाजगत के आंकड़ें देख कर à¤à¥€ हैरत कीजियेगा। साथ ही हैं सà¥à¤¤à¤‚ठपूछिये फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ से, चिटà¥à¤ ा चरà¥à¤šà¤¾ के शà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤¤à¥€ पदचिनà¥à¤¹ और चिटà¥à¤ ाकारों से मà¥à¤²à¤¾à¤•ात, आशीष तो मेरे खà¥à¤¯à¤¾à¤² से अब लिखते नहीं, अनà¥à¤¨à¤¾à¤¦ à¤à¥€ बà¥à¤²à¥‰à¤— पर खास सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ नहीं हैं। फायरफाकà¥à¤¸ पर तकनीकी लेख तो अब à¤à¥€ काम आ सकता है। अंक पà¥à¥‡à¤‚ तो लेखों पर टिपà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपनी राय à¤à¥€ ज़रूर बतायें।
मà¥à¤à¥‡ कà¥à¤› लोगों ने कहा की तà¥à¤® नये अंक निकाल नहीं पा रहे और पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर समय जाया कर रहे हो। सचाई यह है कि यह पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा मà¥à¤à¥‡ बेहद पà¥à¤°à¤¿à¤¯ रही तो खोये अंको को वापस पाने का मोह जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ है। और à¤à¤• कटॠसतà¥à¤¯ यह à¤à¥€ है कि निरंतर पर हम जिस तरह के लेख छापते हैं उस तरह के लेखक हमें मिलते नहीं, निरंतर मितà¥à¤° समूह में तकरीबन 60 सदसà¥à¤¯ हैं पर किसी पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा से जà¥à¥œà¤¨à¥‡ की बजाय लोग अपने बà¥à¤²à¥‰à¤— पर लिखना जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पसंद करते हैं। निरंतर पर मेरा विचार शà¥à¤°à¥ से कोलैबोरेटिव लेखन पर जोर का था, à¤à¤¡à¥à¤¸ का विषय हो, सेंटà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ की à¤à¥‚मिगत आग या रियल à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ, मिल जà¥à¤²à¤•र, खोजबीन कर, विषय विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ से बात कर, फैकà¥à¤Ÿ चेकिंग के साथ पतà¥à¤°à¤•ारिता वाले तेवर के साथ लेख निकालने की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से यह पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा बनी थी। खेद यही रहा कि समान विचार वाले लोगों का दल न बना सका जिससे निरंतरता बनी रहती। पर जैसे तैसे, कैसे à¤à¥€ हो यह पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा निकलती रहेगी यह मेरा वादा है।
शà¥à¤à¤•ामनाà¤à¤….
हमारी à¤à¥€ शà¥à¤à¤•ामनाà¤à¤ आपके साथ हैं.
शà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾! इतà¥à¤¤à¥€ बड़ी पोसà¥à¤Ÿ और बड़े अंक पर आप दोनों ने टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ में शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ की बड़ी कंजूसी की लेकिन 😉
यू आर रीयली कà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€! अब जरा विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से बताà¤à¤‚ कि आपने पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ परà¥à¤®à¤¾à¤²à¤¿à¤‚क के हिसाब से आरà¥à¤•ाइव पर कैसे खोजा और कैसे, कहां माल मसाला मिला. कà¤à¥€ दà¥à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤°à¥€ में फंसे तो याद रखें व काम आवे!
कà¥à¤¯à¤¾ कहें, साधà¥à¤µà¤¾à¤¦ à¤à¥€ कम है. 🙂
आगे जारी रहें…बीती ताहि बिसार दे, आग की सà¥à¤§ ले….देखेंगे इसे जब कà¤à¥€ मौका लगा..अà¤à¥€ तो नया अंक लाईये..शà¥à¤à¤•ामनायें. कà¥à¤› à¤à¥‡à¤œà¥‚ठकà¥à¤¯à¤¾ छापने के लिये..हा हा!! 🙂
मेरे विचार से आप पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा का सà¥à¤µà¤°à¥‚प कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं बदलते। लोग अपने ही चिटà¥à¤ े पर कà¥à¤› खास इस पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा के लिये लिखें। उसमें वे पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा संबनà¥à¤§à¤¿à¤¤ टैग दें, ताकि वह इस पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा के उस अंक पर à¤à¥€ दिखे। हमें से हर चिटà¥à¤ ाकार अपने चिटà¥à¤ े में कà¥à¤› खास बातें लिखता है। वह इस पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा के लिये हो सकती है। इससे दोनो बातें निठजायेंगी – उनके चिटà¥à¤ े पर चिटà¥à¤ ी पोसà¥à¤Ÿ हो जायगी और पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा अंक पूरा हो जायगा। मैंने इस तरह के कà¥à¤› जाल सà¥à¤¥à¤², अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में देखें हैं। मैं समà¤à¤¤à¤¾ हूं कि à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में इस तरह के जाल सà¥à¤¥à¤² बढ़ेंगे। हिनà¥à¤¦à¥€ में अà¤à¥€ तक देखने को नहीं मिला। यहीं पर इसका नया पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जाय।
देबू दा,
निरंतर के पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ अंकों की दà¥à¤°à¥à¤²à¤ और लà¥à¤ªà¥à¤¤à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ सामगà¥à¤°à¥€ को इंटरनेट की अथाह अतल गहराइयों से गोता लगाकर निकाल लाने की आपकी धà¥à¤¨ पर आपको दाद देने का मन करता है। परफेकà¥à¤¶à¤¨ के सà¥à¤¤à¤° को छूने की आपकी सतत जिद आपकी कारà¥à¤¯à¤¶à¥ˆà¤²à¥€ की खासियत रही है, जिसके कारण निरंतर में शà¥à¤°à¥ से ही à¤à¤• अलग किसà¥à¤®-का निखार à¤à¤²à¤•ता रहा है। उसके पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ अंकों के खो जाने पर आपके à¤à¥€à¤¤à¤° की बेचैनी और मोह सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है और निरंतर के उस जमाने के पाठकों के à¤à¥€à¤¤à¤° नॉसà¥à¤Ÿà¥‡à¤²à¤œà¤¿à¤¯à¤¾ का à¤à¤¾à¤µ पैदा होना à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है।
बà¥à¤²à¥‰à¤— की फितरत जाहिरन पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा की फितरत से अलग है। जैसा कि उनà¥à¤®à¥à¤•à¥à¤¤ जी ने à¤à¥€ कहा है, निरंतर की सामगà¥à¤°à¥€ को à¤à¤•à¥à¤¸à¤•à¥à¤²à¥à¤¸à¤¿à¤µ रखने की नीति को यदि आप बदल दें तो कोई कारण नहीं है कि इतनी अचà¥à¤›à¥€ पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा को असमय ही इंटरनेट के निषà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯ आरà¥à¤•ाइव में शामिल होने से रोका न जा सके।
पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ अंको का गायब हो जाना तो सृजन à¤à¤• अजीब घटना थी और इसका हल निरंतर की सामगà¥à¤°à¥€ को कॉपी या पà¥à¤¨à¤°à¥à¤µà¤¿à¤¤à¤°à¤¿à¤¤ करने देने से तो नहीं होता। हमने पहले à¤à¥€ कहा है कि निरंतर की सामगà¥à¤°à¥€ को किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¿à¤‚ट पà¥à¤°à¤•ाशन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤•ाशित करना हमें सà¥à¤µà¥€à¤•ारà¥à¤¯ है अगर शà¥à¤°à¥‡à¤¯ दिया जाय और पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा का विवरण शामिल किया जाय। चà¥à¤‚कि यह जालपतà¥à¤°à¤¿à¤•ा है अतः वही सामगà¥à¤°à¥€ कहीं और पà¥à¤°à¤•ाशन की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ देना तो उचित नहीं लगता। पà¥à¤°à¤¿à¤‚ट पà¥à¤°à¤•ाशन हà¥à¤† à¤à¥€ है, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पकà¥à¤· में अनूप दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिया विजय तिवारी का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•ार छपा है, जाल पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हामरे लेख को लिंक किया। सराय के à¤à¤• आगामी पà¥à¤°à¤•ाशन में शायद हमारे तकनीकी लेख छपें। दरअसल दिकà¥à¤•त अचà¥à¤›à¥‡ लेखकों की, और हमारे किसà¥à¤® के लेखों के लेखकों की, कमी की है। à¤à¤• तो हर कोई अपना मंच बनाकर ही लिखना चाहता है, या सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ मंच के लिये। दूजे कोलेबोरेटिव लेखन की बात शायद लोग समठनहीं पा रहे हैं। और मैं इसे बà¥à¤²à¥‰à¤— या कमà¥à¤¯à¥‚निटी बà¥à¤²à¥‰à¤— की शकà¥à¤² नहीं देना चाहता वरà¥à¤¨à¤¾ गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना असंà¤à¤µ हो जायेगा। हाल फिलहाल निरंतर पर देखें, मैंने बैनर à¤à¤¡ हेतॠलोगों से गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¿à¤¶ की है, अगर हम कà¥à¤› राशि इससे कमा सकें तो शायद लेखकों को पारिशà¥à¤®à¤¿à¤• देकर अचà¥à¤›à¥‡ लेखन को आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ करना संà¤à¤µ हो। पर यह कयास ही है।
atisunder debasheesh jee;;; aapka prayaas sarahneeya hai