हर तरह से पसंद हैं फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚
फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ देखता हूà¤? मà¥à¤à¥‡ अचà¥à¤›à¤¾ लगता है। हम सà¤à¥€ आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨, जल और हवा पर जीते हैं पर मन की खà¥à¤°à¤¾à¤• कà¥à¤› और ही होती है। फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¾à¤¤à¥€ हैं। जब कà¤à¥€ मन खराब होता है तो यह मà¥à¤à¥‡ गà¥à¤¦à¤—à¥à¤¦à¤¾à¤•र हंसा देती है, जब अकेला होता हूठतो मेरा साथ देती हैं, जब परिवार और मितà¥à¤° साथ होते हैं तो बà¥à¤¿à¤¯à¤¾ दोसà¥à¤¤ बन जाती है। आजकल तो खैर सिनेमा हॉल जाकर फिलà¥à¤® देखना मà¥à¤¶à¥à¤•िल होता है तो टीवी या कंपà¥à¤¯à¥‚टर ही माधà¥à¤¯à¤® बने हैं सिनेमा दरà¥à¤¶à¤¨ के। मैंने अकà¥à¤¸à¤° यह सोचा है कि मà¥à¤à¥‡ किस तरह की फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ पसंद हैं पर सचाई यही लगती है कि सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤œà¤¨à¥à¤¯ कारणों से कोई फिलà¥à¤® पसंद आती है और कोई नहीं, कई बार उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¤ªà¥‚रà¥à¤£ सिनेमा पसंद आ जाता है तो कई बार बेसिरपैर का धमाल à¤à¤¾ जाता है। शायद इसीलिये सलाम नमसà¥à¤¤à¥‡ पसंद आई पर जेमà¥à¤¸ नहीं, सतà¥à¤¯à¤¾ अचà¥à¤›à¥€ लगी पर सेहर नहीं।
फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के अलावा मà¥à¤à¥‡ फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की तकनीक में à¤à¥€ खासी रà¥à¤šà¤¿ रहती है, शायद यह बहà¥à¤¤ लोगों को पसंद होता है शायद इसीलिये “बिहाईंड द सीनà¥à¤¸” कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ की à¤à¤°à¤®à¤¾à¤° है छोटे परà¥à¤¦à¥‡ पर। पहले जैकी चैन की फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के “à¤à¤‚ड कà¥à¤°à¥‡à¤¡à¤¿à¤Ÿà¥à¤¸” के पहले “गूफ अपà¥à¤¸” और खतरनाक शॉटà¥à¤¸ के नज़ारों का इंतज़ार रहता था आजकल तो तकरीबन हर फिलà¥à¤® में यह करने का रिवाज़ हो गया है। बहà¥à¤¤ पहले मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ दूरदरà¥à¤¶à¤¨ से à¤à¤• कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आता था, “बातें फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ की” जिसे बेंजामिन गिलानी पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करते थे, यह फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤£ विधा पर बड़ा अचà¥à¤›à¤¾ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® था, तब मैं छोटा था पर मà¥à¤à¥‡ यही लगता था की मैं बड़ा होकर फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤£ ज़रूर करूंगा, बाबा ने à¤à¤• मिनी पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¤° à¤à¥€ ला दिया था, फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के टà¥à¤•ड़ों को माठकी साड़ी तब तक दिखाना जब तक की बà¥à¤²à¤¬ वाला टीन का डिबà¥à¤¬à¤¾ इतना गरà¥à¤® न हो जाय जब तक की जलने की बू आने लगे। गणेशोतà¥à¤¸à¤µ के समय मà¥à¤¹à¤²à¥à¤²à¥‡ के सबसे बड़े मैदान पर फिलà¥à¤® दिखाई जाती तो बड़ा मज़ा आता, चादर बिछा कर पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¥à¤•à¥à¤Ÿà¤° के सबसे नज़दीक बैठने की होड़ होती, उससे निकलते पà¥à¤°à¤•ाश के रेले में तैरते कणों पर ही नज़र टिकी रहती, और जब गरà¥à¤®à¥€ कई बार रील पिघलकर टूट जाती तो à¤à¤¸à¤¾ लगता की परदे पर किसी ने मरà¥à¤¤à¤¬à¤¾à¤¨ à¤à¤° शहद फेंक दिया हो, तब अपना मिनी पà¥à¤°à¥‹à¤œà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¤° याद आ जाता।
फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में जो चीज़ à¤à¤¾à¤¤à¥€ है वह संगीत à¤à¥€ है। फिलà¥à¤®à¥€ संगीत तो खैर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की रà¥à¤¹ में बसती है। आजकल संगीत फिलà¥à¤® के काफी पहले जारी हो जाता है, फिर चैनलों पर लगातार बजते बजते हिट à¤à¥€ घोषित हो जाता है। बावजूद इसके मà¥à¤à¥‡ लगता है कि करà¥à¤£à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯ संगीत अकà¥à¤¸à¤° सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ को मिल जाता है, हीमेश रेशमिया, पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤® जैसे नये लोग नये संगीत के साथ मकबूल हो रहे हैं। आजकल की फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में हॉलीवà¥à¤¡ की नकल की बजाय उसकी तरà¥à¤œ पर चलने का माहौल गरà¥à¤®à¤¾à¤¯à¤¾ है, “à¤à¤• अजनबी” जैसी फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के साथ हॉलिवà¥à¤¡ के कथित निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• à¤à¥€ मैदान में हैं। इससे अबà¥à¤¬à¤¾à¤¸ मसà¥à¤¤à¤¾à¤¨, विकà¥à¤°à¤® à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ और संजय गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ जैसे निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤•ों को, जो या हॉलिवà¥à¤¡ की फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ से सीधे “इंसà¥à¤ªà¤¾à¤¯à¤°” हो जाते रहे हैं को सबक मिलेगा। हमें हॉलीवà¥à¤¡ जैसी पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¶à¤¨à¤²à¤¿à¤œà¤¼à¥à¤® और पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन तथा तकनीकी कौशल को अपनाने की जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ज़रूरत है बनिसà¥à¤¬à¤¤ की इनकी पटकथाओं का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करने की। फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ जलà¥à¤¦à¥€ बनें, पेशेवराना रूप से बने, तो लागत à¤à¥€ घटे।
फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ मà¥à¤à¥‡ हर रूप में पसंद आती हैं, चाहे फंतासी हो या यथारà¥à¤¥ के नज़दीक। आजकल की फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में खास यह बात अचà¥à¤›à¥€ लगती है कि तकनीक बà¥à¤¿à¤¯à¤¾ हà¥à¤ˆ है और अदाकारी से à¤à¥€ हैम और मेलोडà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾ का अंश लगà¤à¤— खतà¥à¤® हो गया है। सà¥à¤¨à¤¾ है की à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कंपनियाठà¤à¤¨à¥€à¤®à¥‡à¤¶à¤¨ और सà¥à¤ªà¥‡à¤¶à¤² अफेकà¥à¤Ÿà¥à¤¸ में हॉलिवà¥à¤¡ से काम पा रही हैं। मà¥à¤à¥‡ इंतज़ार उस दिन का रहेगा जब हम जूरासिक पारà¥à¤• जैसी कोई करिशà¥à¤®à¤¾à¤ˆ फिलà¥à¤® मूल पटकथा और अपने मादà¥à¤¦à¥‡ पर बनायेंगे, जिसे आसà¥à¤•र में किसी से होड़ नहीं करनी होगी।