ब्लॉगिंग में छुआछूतः बद से बदतर भला?

कथादेश में अविनाश के कॉलम पर अपनी राय लिखी पर समय पर पोस्ट करने से चूक गया। चुंकि अब कमेंटियाकर कुछ लाभ नहीं अतः इस पोस्ट का ही नाजायज लाभ उठाया जा रहा है। नारद काँड के बाद से बारंबार चिट्ठाजगत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात उठ रही हैं। बेवजह ही सही पर चिंताजनक […]

एग्रीगेटरों के बहाने से

चिट्ठाजगत में जो बदलाव आया है उसे साफ “प्री मुहल्ला” और “पोस्ट मुहल्ला” के रूप में देखा जा सकता है। प्री मुहल्ला, ज्यादातर चिट्ठाकार तकनीकी लोग, जो ज्यादा समय आनलाईन रहते थे, चिट्ठाकारी करते थे। जब उन्होंने ये समुदाय बनते देखा तो साथ हो लिये, दूसरों के मदद करने हेतु जो सीखा उसको लिपीबद्ध किया, […]

साइबर मुहल्ला से जाहिर एनडीटीवी का छुपा अजेंडा

स्पष्टिकरणः यह समूची पोस्ट अप्रेल फूल बनाने के लिये लिखी मजाकिया पोस्ट है, इसमें कही बातें सरासर गप्प हैं और केवल मजे लेने के लिये ही लिखी गई हैं। पाठकों को याद होगा कि चिट्ठा चर्चा में मेरे लगाये कयास पर एनडीटीवी के अविनाश ने टिप्पणी की थी के ये केवल उनका व उनके सहयोगियों […]