पूछिठफà¥à¤°à¤¸à¤¤ से, फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ से
निरंतर काउंटडाउन à¤à¤¾à¤— ३
नामचीन हिंदी अखबार देशबंधॠमें मंà¤à¥‡ साहितà¥à¤¯à¤•ार और चिंतक हरिशंकर परसाई का à¤à¤• कॉलम छपता था “पूछिठपरसाई से” जिसमें वे पाठकों के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° देते थे। तमाम किसà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨, राजनीति, इतिहास, समकालीन परिदृशà¥à¤¯, साहितà¥à¤¯ पर जिनमें कà¥à¤› चà¥à¤Ÿà¥€à¤²à¥‡ सवाल à¤à¥€ शामिल होते थे। निरंतर के पहले अवतार में हमनें इसी शैली में à¤à¤• नियमित सà¥à¤¤à¤‚ठपà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकिया था “पूछिये फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ से“। कहना ना होगा कि फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ नाम ही सूà¤à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ कि परसाई के असंखà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¶à¤‚सकों में से à¤à¤• खबà¥à¤¬à¥‚ चिटà¥à¤ ाकार अनूप शà¥à¤•à¥à¤²à¤¾ के पास लगà¤à¤— हर सवाल का जवाब रहता है।
“पूछिये फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ से” सà¥à¤¤à¤‚ठमें आप केवल अनूप ही नहीं निरंतर कोर टीम के किसी à¤à¥€ सदà¥à¤¸à¥à¤¯ से à¤à¥€ सवाल पूछ सकते हैं। तो अगर आपके दिमाग में है सवालों की खान, तो उनमें से कà¥à¤› मोती चà¥à¤¨ फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ से पूछें शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¾à¤¨! आपके सवाल अपने नाम और बà¥à¤²à¥‰à¤— के पते के साथ हमारे ईमेल पते patrikaa at gmail dot com पर à¤à¥‡à¤œà¥‡à¤‚। शीरà¥à¤·à¤• में “Q4Fursatiya” अवशà¥à¤¯ लिखें।
आपको गà¥à¤¦à¤—à¥à¤¦à¤¾à¤¨à¥‡, मदमदाने और थोड़ा गपियाने फà¥à¤°à¤¸à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾ जलà¥à¤¦ आ रहे हैं आपके नज़दीकी बà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤œà¤¼à¤° पर, जà¥à¥œà¥‡ रहें!