सृजनातà¥à¤®à¤•ता और गà¥à¤£à¤¤à¤¾ नियंतà¥à¤°à¤£
उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦ चाहे कैसा à¤à¥€ हो गà¥à¤£à¤¤à¤¾ यानि कà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤Ÿà¥€ की अपेकà¥à¤·à¤¾ तो रहती ही है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के बारे में कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ लगता नहीं है। शायद इसलिये कि सफलता के कोई तय फारà¥à¤®à¥à¤²à¥‡ नहीं हैं और गà¥à¤£à¤¤à¤¾ नियंतà¥à¤°à¤£ की संकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ किसी कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤µ माधà¥à¤¯à¤® में लाना à¤à¥€ दà¥à¤·à¥à¤•र है। यह बात à¤à¥€ है कि जब बड़े पैमाने पर कोई फिलà¥à¤® बनती है तो कà¥à¤› न कà¥à¤› कमियां तो रह जाना वाजिब है। नायिका नीले रंग की साड़ी पहन कर घर से निकले और बाज़ार में विलेन दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किडनेप किये जाते वकà¥à¤¤ साड़ी का रंग पीला हो जाये (ये कथन रंग के तालà¥à¤²à¥à¤• में ही है)। नायक को चोट दायें हाथ में लगे और अगले दृशà¥à¤¯ में पटà¥à¤Ÿà¥€ बायें हाथ पर दिखे। यह सब तो हजम करना ही पड़ता है, फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में कंटिनà¥à¤¯à¥à¤Ÿà¤¿ गà¥à¤²à¤¿à¤š तो बड़ी आम बात है। वैसे मैंने यह कहने कि लिये लिखना शà¥à¤°à¥‚ किया था कि फिलà¥à¤® के कà¥à¤› दूसरे विà¤à¤¾à¤— à¤à¥€ इस से अछूते नहीं रहते।
बेनेगल की फिलà¥à¤® सà¥à¤à¤¾à¤· के संगीत को ही ले लिजिये। मैं रहमान का पà¥à¤°à¤¶à¤‚सक हूं पर ईमानदारी से कहें तो उनकी आवाज़ पà¥à¤²à¥‡à¤¬à¥ˆà¤• के लायक नहीं है। यह सच है कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने गानों में कई बार अनगॠआवाजों का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया है पर हर गाना तो पटà¥à¤Ÿà¥€ रैप नहीं होता न! सबसे बड़ी बात यह है कि उनका हिनà¥à¤¦à¥€ उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤£ काफी खराब है (मà¥à¤à¥‡ मालूम है की यह उनकी मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾ नहीं है, यह बात किसी à¤à¥€ गैर हिनà¥à¤¦à¥€ गायक के लिये लागू होगी पर यह à¤à¥€ कहना पड़ता है कि फिर यशोदास, à¤à¤¸.पी.बालसà¥à¤¬à¥à¤°à¤®à¤¨à¥à¤¯à¤® जैसे गायक यह करिशà¥à¤®à¤¾ कैसे कर दिखाते थे)। यहीं मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ होता है कि काफी तरीकेवार सिनेमा निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करने वाले बेनेगल ने à¤à¤¸à¥€ à¤à¤ªà¤¿à¤• सागा बनाते वकà¥à¤¤ संगीत पकà¥à¤· पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं दिया। कà¥à¤¯à¤¾ रहमान का कद निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• से à¤à¥€ उà¤à¤šà¤¾ हो गया कि वे कह न सके, “अरे रहमान, यह गाना रूपकà¥à¤®à¤¾à¤° राठौर से गवा लो”। हो सकता है रहमान रूठकर बोले हों, “गाना मà¥à¤à¥‡ नहीं तो संगीत ही नहीं”, तो कम से कम यह तो बोला जाना चाहिये था कि à¤à¤¸à¤¾ है तो हिनà¥à¤¦à¥€ उरà¥à¤¦à¥ की टà¥à¤¯à¥‚शन ले कर आवो, कम से कम “था” को “ता” तो नहीं बोलोगे। अगर रहमान फिर à¤à¥€ अड़े रहें कि रेमो ने “पियार टो हà¥à¤¨à¤¾ हि ता” गाया तो आप कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ चà¥à¤ª थे तो मेरे खà¥à¤¯à¤¾à¤² से बेनेगल यह निरà¥à¤£à¤¯ ले सकते थे कि रहमान को काला पानी कहाठà¤à¥‡à¤œà¤¾ जाये। जब आतà¥à¤®à¤®à¥à¤—à¥à¤§à¤¤à¤¾ सृजनातà¥à¤®à¤•ता पर हावी हो जाये तो गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ की वाट तो लगनी ही है।
“जब *आतà¥à¤®à¥à¤—धà¥à¤¤à¤¾* सृजनातà¥à¤®à¤•ता पर हावी हो जाये तो गà¥à¤£à¤¤à¤¾ की वाट तो लगनी ही है।”
आतà¥à¤®à¤®à¥à¤—à¥à¤§à¤¤à¤¾
अजनबी टिपà¥à¤ªà¤£à¥€à¤•ार जी! आपकी पारखी नज़र की वजह से कई और हिजà¥à¤œà¥‹à¤‚ की गलतियाठà¤à¥€ सà¥à¤§à¤° गयीं, धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦!
शीरà¥à¤·à¤• समेत कई और बचे हैं –
जब आतà¥à¤®à¤®à¥à¤—à¥à¤§à¤¤à¤¾ सृजनातà¥à¤®à¤•ता पर हावी हो जाये तो *गà¥à¤£à¤¤à¤¾* की वाट तो लगनी ही है।
गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾
गà¥à¤®à¤¨à¤¾à¤® जी, आपके चरण कमल कहाठहैं? यह जानकर कि कोई इतनी बारीक़ी से मेरे लिखे को पॠरहा है पांव अंगद और मन गदगद हो उठा है। मेरे पिता à¤à¥‡à¤² में गà¥à¤£à¤¤à¤¾ नियंतà¥à¤°à¤£ विà¤à¤¾à¤— में ही कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ थे अतः ये सà¥à¤ªà¥‡à¤²à¤¿à¤‚ग तो सही है पà¥à¤°à¤à¥à¥¤ संशय निवारण यहाठसे कर सकते हैं http://www.bis.org.in/hindi/qsc_hindi.htm। कà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤Ÿà¥€ कंटà¥à¤°à¥‹à¤² के लिये ये मानक शबà¥à¤¦ है। यह बात सही है कि कà¥à¤› जगहों पर मà¥à¤à¥‡ “गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾” लिखना चाहिये था जैसे कि आखिरी वाकà¥à¤¯ में।