सतà¥à¤¤à¤¾ का à¤à¥‹à¤—
हालिया असेंबली चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के बाद काà¤à¤—à¥à¤°à¥‡à¤¸ के हौसले बà¥à¤²à¤‚द हैं। महिनों से जारी पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ अंततः रंग ला रही है और राजकà¥à¤®à¤¾à¤° के ताजपोशी के संकेत पà¥à¤°à¤¬à¤² होते जा रहे हैं। सरकारी पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ की टेरेसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤² पहà¥à¤à¤š बेजोड़ है, ये फà¥à¤°à¥€ टू à¤à¤¯à¤° हैं और यही कारण है कि कोई à¤à¥€ सतà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥‚ॠदल पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ को सरकारी à¤à¥Œà¤‚पू के रूप में इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करने से चूकना नहीं चाहता। इन माधà¥à¤¯à¤®à¥‹à¤‚ से आम जनता का बà¥à¤°à¥‡à¤¨ वॉश करना आसान है। हींग लगे न फिटकरी रंग à¤à¥€ चोखा।
सोनिया की सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• छवि à¤à¤²à¥‡ ही सरल व राजनीति की छलकपट à¤à¤°à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से अपरिचित किसी महिला की हो, वे या उनके सहयोगी बड़ा नपा तà¥à¤²à¤¾ खेल खेल रहे हैं। देखा जाये तो पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का की राजनैतिक सफलता पर लोग और काà¤à¤—à¥à¤°à¥‡à¤¸à¥€ कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¤¾ अधिक आशà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ होते, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आगे करना ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आसान होता। पर सोनिया पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का को कीचड़ से दूर रखना चाहती हैं, बड़े राजनेताओं के सानिधà¥à¤¯ में रहकर सोनिया संयमित कदम उठाना सीख चà¥à¤•ी हैं। जब राहà¥à¤² ने शà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤¤ की तो वे रूखे और गैरपेशेवराना लगते थे, जो मà¥à¤à¤¹ आया बोल देते थे। गये महीनों में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कम बोलना और जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मà¥à¤¸à¥à¤•राना सीख लिया है। राजनीति में चà¥à¤ªà¥à¤ªà¥€ का à¤à¥€ महतà¥à¤µ होता है। सोनिया ने सही मोहरे को आगे किया है और बखूबी सतà¥à¤¤à¤¾ के केंदà¥à¤° से दूर रहकर रिमोट सतà¥à¤¤à¤¾ का सà¥à¤– à¤à¥‹à¤— रही हैं। राजनीति के मैखाने में रहकर मदिरा का सà¥à¤µà¤¾à¤¦ लेने की मजबूरी हो जाती है।
काà¤à¤—à¥à¤°à¥‡à¤¸à¥€ राजनीति की इस उथलपà¥à¤¥à¤² में दल के नेताओं में बैचेनी काबिज है। राजनैतिक वनवास à¤à¥‹à¤— रहे नटवर सिंह ने शगूफा छोड़ा कि अब उमà¥à¤°à¤¦à¤°à¤¾à¤œà¤¼ नेताओं को पद छोड़ कर नये लोगों को मौका देना चाहिये। बहà¥à¤¤ अनà¥à¤¨à¤¯ की थी आलाकमान से कि, “मैडमजी मोरे अवगà¥à¤¨ चितà¥à¤¤ न धरो”, पर पद जाता रहा। कà¥à¤°à¥à¤¸à¥€ जाने के बाद, उमà¥à¤° के इस पड़ाव में à¤à¤¸à¥‡ खà¥à¤¯à¤¾à¤² अकà¥à¤¸à¤° आने लगते हैं। वà¥à¤¹à¥€à¤² चेयर से जकड़े अजीत जोगी जैसे नेताओं की राजनैतिक महतà¥à¤µà¤¾à¤•ांकà¥à¤·à¤¾ पर à¤à¥€ कà¥à¤ ाराघात हà¥à¤†, “राहà¥à¤² जैसे गैर अनà¥à¤à¤µà¥€ को आगे करने का कà¥à¤¯à¤¾ मतलब?” तà¥à¤°à¤‚त गà¥à¤¹à¤¾à¤° लगा कर कहा की सोनिया बने पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€à¥¤ अंदाज़ था कि गाड़ी के पहिये में लाठी अड़ाकर राजनैतिक अविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ की जà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¾ à¤à¥œà¤•ा देंगे पर आलाकमान की फटकार से दà¥à¤¬à¤• कर बैठगये।
यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को सामने लाने की हर à¤à¤¸à¥€ बात पर हर पारà¥à¤Ÿà¥€ के शीरà¥à¤· नेतृतà¥à¤µ की सिटà¥à¤Ÿà¥€ पिटà¥à¤Ÿà¥€ गà¥à¤® हो जाती है। जब तक खाट न पकड़ लें à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ में à¤à¥€ आडवाणी के समानानà¥à¤¤à¤° या उपर कोई नहीं। राजनाथ सिंह मनमोहन सिंह जैसे पà¥à¤°à¥‰à¤•à¥à¤¸à¥€ पद से संतोष कर रहे हैं। समय रहते कà¥à¤› पाने की आकांकà¥à¤·à¤¾ अति पà¥à¤°à¤¬à¤² हो तो फिर उमा à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ जैसे नई पारà¥à¤Ÿà¥€ बनानी पड़ती है या फिर “बहन” मायावती जैसे अपने बड़े नेता को बीमार बता कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हाउस अरेसà¥à¤Ÿ में रख पद हथियाने का कà¥à¤•रà¥à¤® करना पड़ता है।
पके फल करà¥à¤£à¤¾à¤¨à¤¿à¤§à¤¿ पà¥à¤¨à¤ƒ सतà¥à¤¤à¤¾ का à¤à¥‹à¤— लगाने बैठे हैं, मधà¥à¤®à¥‡à¤¹ के रोगी की मीठा खाने की इचà¥à¤›à¤¾ जैसा है यह सतà¥à¤¤à¤¾ सà¥à¤– à¤à¥‹à¤—ने का शौक। शौक जो करूणानिधि जैसे धà¥à¤°à¤‚धर नेताओं और सोनिया जैसी अनà¥à¤à¤µà¤¹à¥€à¤¨, किसी को à¤à¥€ अफीम की लत की तरह लग सकता है।
लेख अचà¥à¤›à¤¾ है ! सोनिया अनà¥à¤à¤µà¤¹à¥€à¤¨ तो नही है, उनके हर कारà¥à¤¯ से à¤à¤• घाघ नेता की छवी नजर आती है ।
देबॠदा काफी समय के बाद आप लिख रहे हैं, आपकी वापसी सà¥à¤–द रही, ‘जसà¥à¤Ÿ वाना..’ के बाद यह लेख à¤à¥€ काफी अचà¥à¤›à¤¾ हैं. आपने सही कहा धरà¥à¤® कि तरह सतà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ अफिम के नशे जैसी हैं. à¤à¤• बार लत लग जाये तो न देश दिखता हैं, न जनता. अरà¥à¤œà¥à¤¨à¤¸à¤¿à¤‚ह को ही ले, अपने कà¥à¤·à¤£à¥€à¤• लाठके लिà¤- कà¥à¤› दिन और कà¥à¤°à¥à¤¸à¥€ पर बने रहने के लिठजो आरकà¥à¤·à¤£ का दांव खेला हैं, इसका दà¥à¤·à¥à¤ªà¤°à¤¿à¤£à¤¾à¤® देश लमà¥à¤¬à¥‡ काल तक à¤à¥‹à¤—ेगा.
बहà¥à¤¤ सही कहा आपने….
आखिर है तो यह राजनिति ही. जब समाज के हर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में राजनिति चलती है तो यह राजनैतिक पारà¥à¤Ÿà¥€à¤¯à¥‹à¤‚ में तो यह होना ही है
और, असली रंग तो अरà¥à¤œà¥à¤¨ सिंह दिखा रहे हैं. ओलà¥à¤¡ मैन इन ठरीयल हरी की तरà¥à¤œ पर.
उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लग रहा है कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आर पार की लड़ाई लड़ ही लेनी चाहिà¤. आरकà¥à¤·à¤£ के मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ ने तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ नà¥à¤¯à¥‚ज पर बैठा ही दिया है, वे सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ मामलों पर गृहमंतà¥à¤°à¥€ पाटिल से à¤à¥€ à¤à¤¿à¤¡à¤¼ रहे हैं और अब सीधे पीà¤à¤® का नाम ले रहे है- ओबीसी राजनीति का अपना दांव आगे खेलने.
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजनीति कीचड़ और दलदल बन चà¥à¤•ी है- कोई à¤à¥€ à¤à¤²à¤¾ आदमी इसमें जाकर कीचड़ मय ही हो जाà¤à¤—ा – अमिताठबचà¥à¤šà¤¨ ने सही कहा था…
सतà¥à¤¤à¤¾ का à¤à¥‹à¤— वो à¤à¥‹à¤— है जिसे à¤à¥‹à¤—ने के बाद हर à¤à¥‹à¤— फीका लगता है यह वो लत है जिसका कोई इलाज नहीं ।
राहà¥à¤² को अनà¥à¤à¤µà¤¹à¥€à¤¨ कहने के बजाय अयोगà¥à¤¯ कहना अधिक उपयà¥à¤•à¥à¤¤ होगा | à¤à¤¸à¥‡ लोगों से कà¥à¤¯à¤¾ आशा करें जो सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤•ृषà¥à¤Ÿ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करके à¤à¥€ सरà¥à¤µà¤—à¥à¤£à¤µà¤¿à¤¹à¥€à¤¨ हैं | आज तक राहà¥à¤² को कà¥à¤› विचारोतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤• बात कहते हà¥à¤ मैने नहीं सà¥à¤¨à¤¾ |
आशीष, संजयः शà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾
अनà¥à¤¨à¤¾à¤¦à¤ƒ काà¤à¤—à¥à¤°à¥‡à¤¸à¥€ सामंती राज में राजकà¥à¤à¤µà¤° यों ही तखà¥à¤¤ की ओर कदम बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हैं। राजीव की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ कीजिये, उनकी शैकà¥à¤·à¤£à¤¿à¤• या पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• योगà¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ थी। फिर पारà¥à¤Ÿà¥€ कैडर से जà¥à¥œà¥‡ और आसà¥à¤¤à¥‡ आसà¥à¤¤à¥‡ रासà¥à¤¤à¤¾ बना लिया। इनके मà¥à¤à¤¹ में चाà¤à¤¦à¥€ का चमà¥à¤®à¤š तो है ही। विरले ही होता है जब मनमोहन जैसे गà¥à¤£à¥€ और योगà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¸à¥‡ महान पद को सà¥à¤¶à¥‹à¤à¤¿à¤¤ करें। दà¥à¤–द बात यह है कि उनकी उलà¥à¤Ÿà¥€ गिनती शà¥à¤°à¥ हो गई है।
रविःआपका कहना सही है। अरà¥à¤œà¥à¤¨ सिंह अमर होने के खà¥à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¶à¤®à¤‚द दिखते हैं। नहीं मालूम कि बाद में उनके चितà¥à¤° पर मालाà¤à¤‚ फूलों की होंगी या जूतों की।