बाल मजदूरी और हम

मेहमान का चिट्ठा: चारू एक सीधा‍ सादा सवाल करती हुँ, बाल मजदूरी क्या है? ज़रा इस व्यक्तव्य पर नज़र डालें… विश्व में सबसे ज्यादा बाल मजदूर भारत में हैं, विश्वस्त अनुमानों के अनुसार भारत में बाल मजदुरों की संख्या 6 से 11.5 करोड़ के बीच है। शिवकाशी के पटाखा कारखानों में, बीड़ी और कालीन बनाने […]

क्या वोट डालना अनिवार्य कर देना चाहिए?

आज के दैनिक भास्कर में मनोहर पुरी ने अपने एक लेख* में एक महत्वपूर्ण बिंदू पर चर्चा की है। क्या वोट डालना अनिवार्य कर देना चाहिए? हालांकि लेखक के इस तर्क से मैं कतई सहमत नहीं कि वोट न डालने वालों को सरकार के कलापों पर नुक्ता चीनी का हक नहीं होना चाहिए पर हाँ […]