डेनियल ने à¤à¤• अनोखे वाकये का उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया है जब à¤à¤¿à¤–ारियों ने दान किया जा रहा खाना यह कह कर ठà¥à¤•रा दिया कि यह खाना गरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठउपयà¥à¤•à¥à¤¤ नहीं है। कारण जो à¤à¥€ हो, डेनियल का यह कहना काफी सही है कि दान के सहारे जीवनयापन करने वाले अब इससे इतने इतराठहà¥à¤ हैं […]
उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨ में सिंहसà¥à¤¥ की खबरों में बड़ा अजीब विरोधाà¤à¤¾à¤¸ नजर आता है। à¤à¤ˆ, बचपन से हम को तो यही सिखाया-बताया गया है कि साधॠवैराग का दूसरा नाम होते हैं; मोह-माया, मानवीय कमजोरियों, वरà¥à¤œà¤¨à¤¾à¤“ं से परे, गà¥à¤£à¥€à¤œà¤¨ होते हैं। हो सकता है कि कलियà¥à¤— की माया हो, वरना मà¥à¤à¥‡ तो à¤à¤¸à¥‡ कà¥à¤› संकेत दिखे नहीं। […]
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ टेलिविज़न परिदृशà¥à¤¯ के सनà¥à¤¦à¤°à¥à¤ में बात करें तो आप को दो सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ समूह मिलेंगे। à¤à¤• ओर तो सरकारी टेलिविज़न दूरदरà¥à¤¶à¤¨ है और दूसरी तरफ उपगà¥à¤°à¤¹ चैनलों का à¤à¥à¤£à¥à¤¡à¥¤ दोनों की कारà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में खासा अंतर है। दूरदरà¥à¤¶à¤¨ पारंपरिक तौर से सतà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥‚ॠदल का सरकारी à¤à¥‹à¤‚पू बना रहा है। अगर इस बात को नज़रअंदाज़ कर सकें […]
मेहमान का चिटà¥à¤ ा: चारू à¤à¤• सीधा†सादा सवाल करती हà¥à¤, बाल मजदूरी कà¥à¤¯à¤¾ है? ज़रा इस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ पर नज़र डालें… विशà¥à¤µ में सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बाल मजदूर à¤à¤¾à¤°à¤¤ में हैं, विशà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ अनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बाल मजदà¥à¤°à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ 6 से 11.5 करोड़ के बीच है। शिवकाशी के पटाखा कारखानों में, बीड़ी और कालीन बनाने […]
आज के दैनिक à¤à¤¾à¤¸à¥à¤•र में मनोहर पà¥à¤°à¥€ ने अपने à¤à¤• लेख* में à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बिंदू पर चरà¥à¤šà¤¾ की है। कà¥à¤¯à¤¾ वोट डालना अनिवारà¥à¤¯ कर देना चाहिà¤? हालांकि लेखक के इस तरà¥à¤• से मैं कतई सहमत नहीं कि वोट न डालने वालों को सरकार के कलापों पर नà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾ चीनी का हक नहीं होना चाहिठपर हाठ[…]