अपना मà¥à¤²à¥à¤• à¤à¥€ गजब है। सवा १०० करोड़ लोग उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो गये पर सेकà¥à¤¸ पर खà¥à¤²à¥€ बात के नाम पर महेश à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ के मलिन मन की उपज के सिवा कà¥à¤› à¤à¥€ खà¥à¤²à¤¾ नहीं। à¤à¤¾à¤°à¤¤ किसी अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ खेल पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में कोई रिकारà¥à¤¡ à¤à¤²à¥‡ न तोड़ पाया हो पर à¤à¤¡à¥à¤¸ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में सतत उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ की राह […]
पà¥à¤£à¥‡ में आईटी वालों की à¤à¤°à¤®à¤¾à¤° है। शहर à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ है कि लोग बस जाने की सोचते हैं। शहर à¤à¥€ आखिर कितना समोये, सो गà¥à¤¬à¥à¤¬à¤¾à¤°à¥‡ की तरह फैल रहा है। वैसे यहाठके औंध और बानेर जैसे इलाके लोगों की पहली पसंद हैं, सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं और कारà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¥à¤² से नज़दीक होने के कारण। चà¥à¤‚कि दावेदार जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हैं […]
दिन न दूरमेड इन चाइनाआलू à¤à¥€ बिकें।
नà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¥€ ने मेज़बानी की तीसरी अनà¥à¤—ूà¤à¤œ की, और विषय à¤à¤¸à¤¾ था जिस पर à¤à¤• अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ बà¥à¤²à¥‰à¤—र लगातार लिखते रहे हैं, “द à¤à¤•ारà¥à¤¨” के रचनाकार, सिंगापà¥à¤° में बसे, नितिन पई। पेशे से दूरसंचार इंजीनियर नितिन à¤à¤• पà¥à¤°à¤–र व मौलिक चिटà¥à¤ ाकार हैं। अपने चिटà¥à¤ े में वे दकà¥à¤·à¤¿à¤£â€ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤ˆ राजनैतिक और आरà¥à¤¥à¤¿à¤• परिदृशà¥à¤¯ पर खरी खरी लिखतें हैं, […]
अकà¥à¤·à¤°à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® अनà¥à¤—ूà¤à¤œ – पहला आयोजन à¤à¤• नज़र मायानगरी मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ के à¤à¤• अखबार कि सà¥à¤°à¥à¤–ियों पर। सिनेमा के इशà¥à¤¤à¤¹à¤¾à¤° वाले पृषà¥à¤Ÿ पर मलà¥à¤²à¤¿à¤•ा अपने आधे उरोज़ और अधोवसà¥à¤¤à¥à¤° की नà¥à¤®à¤¾à¤ˆà¤¶ कर अपनी नई फिलà¥à¤® का बà¥à¤²à¤¾à¤µà¤¾ दे रही हैं। पृषà¥à¤Ÿ पर à¤à¤¸à¥‡ दरà¥à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ हैं, औरत मरà¥à¤¦ के रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ को नठचशà¥à¤®à¥‡ से देखा जा रहा […]
यदि मेरे यूठनाक à¤à¥Œà¤‚ सिकोड़ने से आप मà¥à¤à¥‡ सहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ जैसा पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ (और जिसे विलà¥à¤ªà¥à¤¤ à¤à¥€ माना जा सकता है) न मान लें तो आज के यà¥à¤µà¤¾ वरà¥à¤— पर मà¥à¤à¥‡ कई मामलों में विसà¥à¤®à¤¯ और नाराज़गी की मिशà¥à¤°à¤¿à¤¤ अनà¥à¤à¥‚ति होती है। लड़के सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की à¤à¤¾à¤‚ति मशरूम केश सजà¥à¤œà¤¾ के कामिल हैं, कानों में “बिंदास” बालियां […]