अपना मुल्क भी गजब है। सवा १०० करोड़ लोग उत्पन्न हो गये पर सेक्स पर खुली बात के नाम पर महेश भट्ट के मलिन मन की उपज के सिवा कुछ भी खुला नहीं। भारत किसी अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में कोई रिकार्ड भले न तोड़ पाया हो पर एड्स के क्षेत्र में सतत उन्नति की राह […]
पुणे में आईटी वालों की भरमार है। शहर भी ऐसा है कि लोग बस जाने की सोचते हैं। शहर भी आखिर कितना समोये, सो गुब्बारे की तरह फैल रहा है। वैसे यहाँ के औंध और बानेर जैसे इलाके लोगों की पहली पसंद हैं, सुविधाओं और कार्यस्थल से नज़दीक होने के कारण। चुंकि दावेदार ज्यादा हैं […]
नुक्ताचीनी ने मेज़बानी की तीसरी अनुगूँज की, और विषय ऐसा था जिस पर एक अंग्रेज़ी ब्लॉगर लगातार लिखते रहे हैं, “द एकार्न” के रचनाकार, सिंगापुर में बसे, नितिन पई। पेशे से दूरसंचार इंजीनियर नितिन एक प्रखर व मौलिक चिट्ठाकार हैं। अपने चिट्ठे में वे दक्षिण एशियाई राजनैतिक और आर्थिक परिदृश्य पर खरी खरी लिखतें हैं, […]
अक्षरग्राम अनुगूँज – पहला आयोजन एक नज़र मायानगरी मुम्बई के एक अखबार कि सुर्खियों पर। सिनेमा के इश्तहार वाले पृष्ट पर मल्लिका अपने आधे उरोज़ और अधोवस्त्र की नुमाईश कर अपनी नई फिल्म का बुलावा दे रही हैं। पृष्ट पर ऐसे दर्जनों विज्ञापन हैं, औरत मर्द के रिश्तों को नए चश्मे से देखा जा रहा […]
यदि मेरे यूँ नाक भौं सिकोड़ने से आप मुझे सहिष्णुता जैसा प्राचीन (और जिसे विलुप्त भी माना जा सकता है) न मान लें तो आज के युवा वर्ग पर मुझे कई मामलों में विस्मय और नाराज़गी की मिश्रित अनुभूति होती है। लड़के स्त्रियों की भांति मशरूम केश सज्जा के कामिल हैं, कानों में “बिंदास” बालियां […]