तà¥à¤® à¤à¥€ फीड बरà¥à¤¨ कर लो
जब मेरा अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ बà¥à¤²à¥‰à¤— जेरौलर पर हà¥à¤† करता था तब फीडबरà¥à¤¨à¤° की मकबूलियत के बावजूद कà¤à¥€ आजमाया नहीं। अपनी चीज़ दूसरे के हाथ देने में डर तो लगता ही है। पर जब वरà¥à¤¡à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ पर बà¥à¤²à¥‰à¤— सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾à¤‚तरित हà¥à¤† तो अपनी इस हिचक पर कोफ़à¥à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ मेरा बà¥à¤²à¥‰à¤— कहीं à¤à¥€ रहे उसके फीड का पता à¤à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ हर बार बदलना चाहिये?
वरà¥à¤¡à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ पर आने के बाद पता चला कि यह बà¥à¤²à¥‰à¤— की विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚पों में कà¥à¤·à¤®à¤² फीड पà¥à¤°à¤•ाशित करता है जैसे कि आरà¤à¤¸à¤à¤¸, à¤à¤Ÿà¤® आदि। विकलà¥à¤ª होना अचà¥à¤›à¥€ बात है पर पà¥à¤°à¤•ाशक होने के नाते हम यह जानना चाहते हैं कि हमें कौन पà¥à¤¤à¤¾ है और इतने विकलà¥à¤ª होने से फीड पाठकों की सही संखà¥à¤¯à¤¾ का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगाना दà¥à¤·à¥à¤•र कारà¥à¤¯ है।
फिर लगा कि यह तो किसी और न à¤à¥€ ज़रूर सोचा होगा, गूगल किया तो तà¥à¤°à¤‚त ही हल मिल गया। यह हल है वरà¥à¤¡à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ का à¤à¤• उमà¥à¤¦à¤¾ पà¥à¤²à¤—इन। “फीडबरà¥à¤¨à¤° पà¥à¤²à¤—इन” से आप अपने वरà¥à¤¡à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ बà¥à¤²à¥‰à¤— की तमाम फीड की राह à¤à¤• ओर कर सकते हैं, यहाठतक कि टिपà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की फीड को à¤à¥€à¥¤ पाठक आपके बà¥à¤²à¥‰à¤— की चाहे जो à¤à¥€ फीड पà¥à¤¤à¤¾ हो वह सà¤à¥€ फीडबरà¥à¤¨à¤° की फीड ही होंगी, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस बात की à¤à¤¨à¤• à¤à¥€ न लगेगी। ज़ाहिर है कि पà¥à¤²à¤—इन के इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² के लिये आपको अपने बà¥à¤²à¥‰à¤— का फीडबरà¥à¤¨à¤° फीड बनाना होगा।
फीडबरà¥à¤¨à¤° अपनी मौजूदा बà¥à¤²à¥‰à¤— फीड को संवारने का बà¥à¤¿à¤¯à¤¾ माधà¥à¤¯à¤® है। करीब 2.5 लाख लोग इसका पà¥à¤°à¤•ाशन करते हैं और करोड़ों पाठक पà¥à¤¤à¥‡ हैं। चिटà¥à¤ ाकार के लिये फायदे तो काफी हैं। आपको अपने पाठकों का सही अंदाज़ा लगता है, फीड का विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ कर सकते हैं और दरà¥à¤¶à¤¾ à¤à¥€ सकते हैं। फीडबरà¥à¤¨à¤° की अनेकों खासियतें हैं, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वे फीचरेटà¥à¤¸ पà¥à¤•ारते हैं, जैसे कि ईमेल से पाठक बना सकने की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ जिससे फीडबà¥à¤²à¤¿à¤Ÿà¥à¤œà¤¼ जैसी सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— की ज़रूरत ख़तà¥à¤® हो जायेगी। इसके अलावा बज़बूसà¥à¤Ÿ और हेडलाईन à¤à¤¨à¥€à¤®à¥‡à¤Ÿà¤° की मदद से आप अपने बà¥à¤²à¥‰à¤— की सà¥à¤°à¥à¤–ियाठदूसरे जालसà¥à¤¥à¤² पर दिखा सकते हैं, पिंग सेवा टेकà¥à¤¨à¥‹à¤°à¤¾à¤¤à¥€ जैसी सेवाओं को नई पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ की सूचना दे सकती है (हालांकि वरà¥à¤¡à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ खà¥à¤¦ ही यह काम कर देता है), अपने फीड को पासवरà¥à¤¡ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ कर सकते हैं और इससे पैसे à¤à¥€ कमा सकते हैं।
नà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¥€ पर यह शà¥à¤ कारà¥à¤¯ कर दिया गया है (साईडबार में ऊपर देखें), फीड की सरदरà¥à¤¦à¥€ दूर करने का इससे बेहतर कà¥à¤¯à¤¾ उपाय!


सही है दादा, लगे रहो। 🙂
उरी बाबा ये तो कब से डाउनलोड करके रखा है, लगता है इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करके देखना पड़ेगा
सही है. वैसे सच यह है कि तमाम तकनीकी शबà¥à¤¦ जो यहां पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— हà¥à¤¯à¥‡ उनका सही-सही मतलब महीनों से सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ के बावजूद हमें नहीं पता हैं जैसे कि कà¥à¤·à¤®à¤² फीड. अब विकिपीडिया पर उसको देख रहे है. इंशाअलà¥à¤²à¤¾à¤¹ समठà¤à¥€ जायेंगे. लगातार दो लेख नà¥à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¥€ पर देखकर सà¥à¤–द अनà¥à¤à¥‚ति हà¥à¤¯à¥€.
अपके लेखों मे बहà¥à¤¤ बढिया और नई बातों की जानकारी होती है – आपका धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦
आपने कोई दरà¥à¤œà¤¨ à¤à¤° बà¥à¤•मारà¥à¤• की कड़ियाठलगा रखी हैं. कà¥à¤¯à¤¾ ये सà¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥€ समरà¥à¤¥à¤¿à¤¤ करती हैं
मैंने à¤à¤• दो को जाà¤à¤šà¤¾ था – मसलन डिग. पर उसमें हिनà¥à¤¦à¥€ का समरà¥à¤¥à¤¨ नहीं दिखाई दिया था. मैं कहाठगलती पर था?
टिपà¥à¤ªà¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिये सà¤à¥€ का शà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾!
अनूपः आप मेरे गà¥à¤°à¥ हैं, पर मैं आपकी बात से सहमत होना चाहà¥à¤‚गा, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कà¥à¤› कà¥à¤› आप जैसा हाल मेरा à¤à¥€ है, कवितायें मेरे पलà¥à¤²à¥‡ नहीं पड़ती, वे मेरे लिये “कà¥à¤·à¤®à¤² फीड” जैसी गà¥à¤¤à¥à¤¥à¥€ ही रहेंगी 😉
रविः सारी कड़ियों का तो नहीं कह सकता, ये लगाना आसान था, वरà¥à¤¡à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ का à¤à¤• पà¥à¤²à¤—इन काम चà¥à¤Ÿà¤•ियों में कर देता है। तो सà¤à¥€ कड़ियाठकà¤à¥€ आजमाई नहीं, पर लगता नहीं कि किसी साईट पर यूनिकोड न चले, डिग पर http://digg.com/software/upcoming पृषà¥à¤ देखें अà¤à¥€ मैंने आजमा कर देखा। बà¥à¤•मारà¥à¤• तो हà¥à¤† है। आप किस सà¥à¤¥à¤² की बात कर रहे हैं?
मà¥à¤à¥‡ लगता है कि फिर यह बà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤œà¤¼à¤° का पंगा होगा