ज़ेमांटा à¤à¤• बà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤œà¤¼à¤° आधारित सिमेंटिक अनेलिससि इंजन है जो बà¥à¤²à¥‰à¤— पोसà¥à¤Ÿ लिखते समय लेखक को पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक कड़ियाà¤, चितà¥à¤°, सामगà¥à¤°à¥€ और टैग सà¥à¤à¤¾à¤¤à¤¾ है जिससे पोसà¥à¤Ÿ लिखना बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के खेल बन जाता है। फिलहाल यह केवल अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ चिटà¥à¤ ों के ही काम का है और केवल फायरफाकà¥à¤¸ पर ही चलता है, पर यह लगà¤à¤— सà¤à¥€ लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯ बà¥à¤²à¥‰à¤—िंग पà¥à¤²à¥ˆà¤Ÿà¤«à¥‰à¤°à¥à¤® जैसे बà¥à¤²à¥‰à¤—र, वरà¥à¤¡à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸, आदि के लिये उपलबà¥à¤§ है। पà¥à¤¿à¤¯à¥‡ ज़ेमांटा के बारे में रोचक जानकारी। आप यह पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ पॉडà¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€ पर सà¥à¤¨ à¤à¥€ सकते हैं।
जी हाà¤, खास काम की बातें नहीं हैं। पर कई बार फालतू चीज़ें बताने का à¤à¥€ तो दिल करता है। जीटॉक पर आपको बताता तो खफा हो जाते, ईमेल पर बताना खà¥à¤¦ मà¥à¤à¥‡ गवारा नहीं, तो पोसà¥à¤Ÿ तो बनती है न? शà¥à¤•à¥à¤° मनाईये कि इसको तीन अलग अलग पोसà¥à¤Ÿ बना कर नहीं डालीं। तो पहली […]
अगर आप ने हाल ही में वरà¥à¤¡à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ 2.1 पर अपगà¥à¤°à¥‡à¤¡ किया है और आप अलà¥à¤Ÿà¥€à¤®à¥‡à¤Ÿ टैग वारीयर या बनी टैगà¥à¤¸ पलà¥à¤—इन का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करते हैं तो इस पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ को अवशà¥à¤¯ पà¥à¥‡à¤‚। नये वरà¥à¤¡à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ की फिलहाल इन दोनों पलà¥à¤—इन से नहीं बन रही है और जैसे ही कोई आपके पोसà¥à¤Ÿ पर टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ करता है आपकी सारी […]
जब मेरा अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¤¼à¥€ बà¥à¤²à¥‰à¤— जेरौलर पर हà¥à¤† करता था तब फीडबरà¥à¤¨à¤° की मकबूलियत के बावजूद कà¤à¥€ आजमाया नहीं। अपनी चीज़ दूसरे के हाथ देने में डर तो लगता ही है। पर जब वरà¥à¤¡à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤¸ पर बà¥à¤²à¥‰à¤— सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¾à¤‚तरित हà¥à¤† तो अपनी इस हिचक पर कोफ़à¥à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ मेरा बà¥à¤²à¥‰à¤— कहीं à¤à¥€ रहे उसके फीड का पता à¤à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ […]