à¤à¥‚संपतà¥à¤¤à¤¿ की कीमतें : मà¥à¤–à¥à¤¯à¤§à¤¾à¤°à¤¾ का मीडिया अब चेता
अरà¥à¤¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¿ जैसे विषयों में मेरी खास रà¥à¤šà¤¿ नहीं रही पर फिर à¤à¥€ इंडियन इकॉनामी बà¥à¤²à¥‰à¤— पर नज़र रखता रहा हूà¤à¥¤ गये साल होम लोन लेने के बाद मà¥à¤à¥‡ à¤à¥‚संपतà¥à¤¤à¤¿ के बारे में थोड़ी जानकारी बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ का मौका मिला और लगातार बà¥à¤¤à¥€ कीमतों और करà¥à¤œà¤¼ दरों को लेकर चिंतित à¤à¥€ रहा। इस बीच लोगों से चरà¥à¤šà¤¾ à¤à¥€ हà¥à¤ˆ पर सबसे हैरत की बात यह लगी कि सामानà¥à¤¯ तौर पर पà¥à¤¯à¤¾à¤œà¤¼ और आलू के दाम में बà¥à¤¤ से à¤à¥€ परेशान हो जाने वाले लोग à¤à¥‚संपतà¥à¤¤à¤¿ की कीमत बà¥à¤¨à¥‡ से खास चिंतित नहीं लगते थे। ठीक इसके उलट, माà¤à¤— बà¥à¤¤à¥€ ही जा रही है और साथ ही कीमतें à¤à¥€à¥¤ अख़बारों के à¤à¤¡à¤µà¤°à¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¤¿à¤¯à¤² लेखों और विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨à¥‹à¤‚ में माहौल कà¥à¤› यूं बनाया जा रहा है मानो कि अपना मकान बनाना सबसे बà¥à¤¿à¤¯à¤¾ निवेश विकलà¥à¤ª हो। सचाई यह है कि यह बात सरासर ग़लत रही है। तà¤à¥€ मà¥à¤à¥‡ लगा कि हमें इस पर कà¥à¤› लिखना चाहिये।
जगदीश à¤à¤¾à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾, जो इन मामलों में सलाहकार à¤à¥€ हैं, ने निरंतर के लिये इस लेख की शà¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤¤ की। हमने ये लेख दिसंबर में लिखना शà¥à¤°à¥ किया था और अगर आप धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दे रहे हों तो मà¥à¤–à¥à¤¯à¤§à¤¾à¤°à¤¾ का मीडिया अब जाकर चेता है और हर अख़बार और चैनल पर à¤à¥‚संपतà¥à¤¤à¤¿ की आसमान छूती कीमतों, बैंक की असामानà¥à¤¯ करà¥à¤œ दरों और खरीददारों की तकलीफों की बात हो रही है। यह तब हà¥à¤† है जब होम लोन की बà¥à¤¯à¤¾à¤œ दरें तकरीबन 1 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ बà¥à¥€à¤‚ हैं, महंगाई में à¤à¤¾à¤°à¥€ बà¥à¤¤ देखी जा रही हैं और बैंक à¤à¥€ जमा की बजाय करà¥à¤œà¥‡ की रकम में बà¥à¤¤ से परेशान है। हमने रीयल à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ कारोबार से जà¥à¥œà¥‡ जिन लोगों से à¤à¥€ बात की वे कीमत की बà¥à¤¤ को सामानà¥à¤¯ ठहराते रहे हैं, अरà¥à¤¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¿ के जà¥à¤žà¤¾à¤¤à¤¾ इसे बà¥à¤²à¤¬à¥à¤²à¤¾ कहने को तैयार नहीं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वे परिणामों का इंतज़ार कर रहे हैं। हमने बà¥à¤²à¤¬à¥à¤²à¤¾ शबà¥à¤¦ रीयल à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ और सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤¯à¥‚लेटीव बाजार के धाराशायी होने के अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ पर ही नहीं वरनॠबेवजह फà¥à¤²à¤¾à¤µ की वजह से à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया। à¤à¤šà¤¡à¥€à¤à¤«à¤¸à¥€ के चेयरमैन के हालिया बयान से à¤à¥€ यह आशंका गलत नहीं लगती। इकॉनॉमिसà¥à¤Ÿ पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा पहले ही à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अरà¥à¤¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में आते उबाल की ओर आगाह कर चà¥à¤•ी हैं और यह कह चà¥à¤•ी है की चीन से तà¥à¤²à¤¨à¤¾ की बजाय à¤à¤¾à¤°à¤¤ को बà¥à¤¤ की रफ़à¥à¤¤à¤¾à¤° पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना होगा, बाघ की बजाय हाथी की चाल शà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¸à¥à¤•र होगी।
निरंतर के लेख में à¤à¤• रोचक बात मà¥à¤à¥‡ लगी वो है गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² इकॉनामी मैटरà¥à¤¸ बà¥à¤²à¥‰à¤— के सहलेखक वेंकट की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा की दरअसल à¤à¤• नया उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾ वरà¥à¤— उà¤à¤° रहा है। मैंने ज़िकà¥à¤° किया à¤à¤¸à¥‡ उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤“ं को जो कीमतों और करà¥à¤œà¤¼ की दरों से मानों आखें फेरकर अपना मकान का सपना पूरा करने लगे हैं, इनमें à¤à¤¨à¤†à¤°à¤†à¤ˆ निवेशक à¤à¥€ हैं और बेतहाशा कमाते आईटी के कामकाजी दंपतà¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€à¥¤ हम सदा परंपरागत उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤“ं के हिसाब से ही बात करते हैं पर यह नया वरà¥à¤— à¤à¥‚संपतà¥à¤¤à¤¿ की कीमतों को पूà¤à¤œà¥€à¤¨à¤¿à¤µà¥‡à¤¶ न मानकार केवल ई.à¤à¤®.आई और करà¥à¤œà¤¼ के पैमाने पर ही तौलता है। कà¥à¤› यही कारण आटोमोबील कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में देखा गया जहाठमहà¤à¤—ी गाड़ियाà¤, à¤à¤²à¥‡ करà¥à¤œà¤¼ के à¤à¤°à¥‹à¤¸à¥‡ हो, ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बिक रही हैं। कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ ही हाल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ रीयल à¤à¤¸à¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ का à¤à¥€ हो चला है, आम पहà¥à¤à¤š के मकानों की बनिसà¥à¤¬à¤¤ डीलकà¥à¤¸ व सà¥à¤ªà¤° डीलकà¥à¤¸ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हो रहे हैं। इन सारे तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पर विचार करने के लिये ये लेख अवशà¥à¤¯ पà¥à¥‡à¤‚ और हमें बतायें।
निरंतर मितà¥à¤°
निरंतर के इस लेख का उलà¥à¤²à¥‡à¤– कर मैं न केवल पाठकों से इसे पà¥à¤¨à¥‡ का अनà¥à¤°à¥‹à¤§ करना चाहता था वरन यह à¤à¥€ बताना चाहता था कि किस तरह निरंतर मितà¥à¤° बन कर जगदीश ने यह लेख तैयार किया और किस तरह उन की मदद से हमारे दल ने à¤à¤¸à¥‡ विषय पर पेशेवर लेख तैयार किया जिस के विषय विशेषजà¥à¤ž दल में मौजूद नहीं थे। निरंतर के पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठसे ही हमारी इचà¥à¤›à¤¾ थी कि इसमें हिनà¥à¤¦à¥€ बà¥à¤²à¥‰à¤—जगत के लोग पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· या परोकà¥à¤· रूप से शामिल हों। आप में से जो फॉरà¥à¤®à¤² या औपचारिक लेखन में रà¥à¤šà¤¿ रखते हैं, नये विषयों पर राय रखने के साथ साथ रिपोरà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग करने के इचà¥à¤›à¥à¤• हैं वे सिटिज़न जरà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤œà¤¼à¥à¤® को नये मायने दे सकते हैं निरंतर मितà¥à¤° के रूप में हमसे जà¥à¥œà¤•र। “निरंतर मितà¥à¤°â€ पतà¥à¤°à¤¿à¤•ा के परोकà¥à¤· संवाददाता के रूप में तैनात रहेंगे और समय समय पर संपादक मंडल उनकी सहायता ले सकेगा। आप हमारे लिये लेख लिख सकते हैं या हमें नई कथाओं के सà¥à¤à¤¾à¤µ और लीकà¥à¤¸ à¤à¥‡à¤œ सकते हैं। हो सकता है आप अपने इलाके, शहर या राजà¥à¤¯ से संबंधित कोई आà¤à¤•ड़े, चितà¥à¤° या पते इकटà¥à¤ ा कर के दे सकें, किसी का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•ार ले सके या कोई छोटी रपट बना कर दे सकें। आप अनà¥à¤µà¤¾à¤¦, पà¥à¤°à¥‚फ रीडिंग, गà¥à¤°à¤¾à¤«à¤¿à¤•à¥à¤¸ बनाने में à¤à¥€ मदद कर सकते हैं। निरंतर मितà¥à¤°à¥‹à¤‚ के नाम संबदà¥à¤§ लेखों के साथ पà¥à¤°à¤•ाशित किये जायेंगे। निरंतर मितà¥à¤° बनने के लिये आप इसकी मेलिंग लिसà¥à¤Ÿ में शामिल हो जायें जिससे हम आपस में आसानी से संपरà¥à¤• कर सकेंगे।
ठीक à¤à¤• वरà¥à¤· पहले इसी विषय पर मेरे चिटà¥à¤ े पर पà¥à¤°à¤•ाशित लेख “कब मिलेगा आवास का मौलिक अधिकार” को राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सहारा ने 24 फरवरी, 2006 को अपने ‘पà¥à¤°à¥‹à¤ªà¤°à¥à¤Ÿà¥€’ पृषà¥à¤ पर पà¥à¤°à¤•ाशित किया था, जिसमें रीयल इसà¥à¤Ÿà¥‡à¤Ÿ की आसमान छूती कीमतों पर विसà¥à¤¤à¤¾à¤° से चरà¥à¤šà¤¾ की गई थी। लिंक निमà¥à¤¨à¤µà¤¤ है – http://srijanshilpi.com/?p=10
बहà¥à¤¤ बà¥à¤¿à¤¯à¤¾ लेख है सृजन आपका, मà¥à¤à¥‡ जà¥à¤žà¤¾à¤¤ होता तो जगदीश के साथ आप ये लेख लिखने के हकदार होते, आपके सà¤à¥€ तरà¥à¤• अब à¤à¥€ लागू होते हैं। उपरोकà¥à¤¤ वाकà¥à¤¯ आपके लेख में पà¥à¤¾ तो मà¥à¤à¥‡ अपनी इसी पà¥à¤°à¤µà¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ का निमà¥à¤¨à¤²à¤¿à¤–ित लगà¤à¤— à¤à¤¸à¤¾ ही वाकà¥à¤¯ याद आया। ये है मेरा वाकà¥à¤¯
अदà¥à¤à¥à¤¤ सामà¥à¤¯!