आग पर बैठे शहर

तहलका हिन्दी पत्रिका में झरिया की कोयला खदानों के गिर्द भूमिगत आग के बारे में रोचक खोजपरक लेख छपा है। निरंतर पत्रिका में अतुल अरोरा और मैंने आज से दो साल पहले इसी विषय पर एक और खोजपरक लेख लिखा था, एक दहकते शहर की दास्तान।

तीन गैरज़रूरी बातें

जी हाँ, खास काम की बातें नहीं हैं। पर कई बार फालतू चीज़ें बताने का भी तो दिल करता है। जीटॉक पर आपको बताता तो खफा हो जाते, ईमेल पर बताना खुद मुझे गवारा नहीं, तो पोस्ट तो बनती है न? शुक्र मनाईये कि इसको तीन अलग अलग पोस्ट बना कर नहीं डालीं। तो पहली […]

ख़त्म हुये फितूर?

पिछले कई दिनों से कई किस्म के फितूर सवार रहे हैं और अब थोड़ी राहत मिली कि इनमें से कुछ फलीभूत भी हुये हैं। पहला फितूर तो पॉडकास्टिंग का ही था, चलो रेडियो न सही यहीं हाथ आजमा लिया जाय ये सोच कर शशि के साथ पिछले पखवाड़े पॉडभारती हिन्दी पॉडज़ीन की शुरुवात की गई। […]

निरंतर पत्रिका के पुराने अंक नष्ट

Update: Thanks to Web Archives all lost issues of Nirantar have now been restored and are available at http://www.nirantar.org. मेरी मूर्खता की वजह से निरंतर पत्रिका के अक्षरग्राम पर रखे पुराने अंक पूर्णतः नष्ट हो चुके हैं और हमारे पास पुराने अंकों का कोई भी बैकअप उपलब्ध नहीं है। ये शायद मेरे जीवन का सबसे […]

भूसंपत्ति की कीमतें : मुख्यधारा का मीडिया अब चेता

अर्थनीति जैसे विषयों में मेरी खास रुचि नहीं रही पर फिर भी इंडियन इकॉनामी ब्लॉग पर नज़र रखता रहा हूँ। गये साल होम लोन लेने के बाद मुझे भूसंपत्ति के बारे में थोड़ी जानकारी बढ़ाने का मौका मिला और लगातार बढ़ती कीमतों और कर्ज़ दरों को लेकर चिंतित भी रहा। इस बीच लोगों से चर्चा […]

विकीपीडिया: वेंडेलिस्म पर लानत

विकीपिडिया एक विशाल मानव निर्मित ज्ञानकोश है, हालांकि हिन्दी विकीपीडिया अभी तुलनात्मक रूप से काफी छोटा है। जब मितुल ने निरंतर के अगस्त अंक में विकीपीडिया पर लेख लिखा तो मेरे मन में यह प्रश्न ज़रूर था कि वेंडेलिस्म यानि विकिपीडिया के पृष्ठों पर सामग्री या तथ्यों को नष्ट या बिगाड़ देने के कार्य पर […]

निरंतर पत्रिका की फीड

निरंतर पत्रिका की भी अब क्षमल फीड उपलब्ध है। आप इसे http://feeds.feedburner.com/nirantar के पते से पढ़ सकेंगे। फीड में पूरे लेख देना तो संभव नहीं पर हाँ नये आलेखों की सूचना पाने के लिये यह उत्तम माध्यम होगा। अवश्य सब्सक्राईब करें।

तकनीकी विषयों को विशेष महत्व मिलेः सुनील

निरंतर काउंटडाउन भाग 6 देबाशीष ने मुझसे पूछा कि मैं निरंतर का किस तरह का हिस्सा बनना चाहूँगा, इसका उत्तर तो केवल यही हो सकता है कि मैं सबसे अच्छा हिस्सा होना चाहूँगा। लेकिन शायद अच्छा हिस्सा होने के लिए, काम कुछ अधिक करना पड़ सकता है, इसलिए अगर सबसे बढ़िया हिस्सा न भी बन […]