कथादेश में अविनाश के कॉलम पर अपनी राय लिखी पर समय पर पोसà¥à¤Ÿ करने से चूक गया। चà¥à¤‚कि अब कमेंटियाकर कà¥à¤› लाठनहीं अतः इस पोसà¥à¤Ÿ का ही नाजायज लाठउठाया जा रहा है। नारद काà¤à¤¡ के बाद से बारंबार चिटà¥à¤ ाजगत में अà¤à¤¿à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ की बात उठरही हैं। बेवजह ही सही पर चिंताजनक […]
चिटà¥à¤ ाजगत में जो बदलाव आया है उसे साफ “पà¥à¤°à¥€ मà¥à¤¹à¤²à¥à¤²à¤¾” और “पोसà¥à¤Ÿ मà¥à¤¹à¤²à¥à¤²à¤¾” के रूप में देखा जा सकता है। पà¥à¤°à¥€ मà¥à¤¹à¤²à¥à¤²à¤¾, जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° चिटà¥à¤ ाकार तकनीकी लोग, जो जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समय आनलाईन रहते थे, चिटà¥à¤ ाकारी करते थे। जब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ये समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ बनते देखा तो साथ हो लिये, दूसरों के मदद करने हेतॠजो सीखा उसको लिपीबदà¥à¤§ किया, […]
सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿà¤¿à¤•रणः यह समूची पोसà¥à¤Ÿ अपà¥à¤°à¥‡à¤² फूल बनाने के लिये लिखी मजाकिया पोसà¥à¤Ÿ है, इसमें कही बातें सरासर गपà¥à¤ª हैं और केवल मजे लेने के लिये ही लिखी गई हैं। पाठकों को याद होगा कि चिटà¥à¤ ा चरà¥à¤šà¤¾ में मेरे लगाये कयास पर à¤à¤¨à¤¡à¥€à¤Ÿà¥€à¤µà¥€ के अविनाश ने टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ की थी के ये केवल उनका व उनके सहयोगियों […]