अब सà¥à¤ªà¥ˆà¤®à¤¿à¤‚ग काम ही चार सौ बीसी का है। ना à¤à¥€ बताते तो चलता था।
चिटà¥à¤ ाजगत में जो बदलाव आया है उसे साफ “पà¥à¤°à¥€ मà¥à¤¹à¤²à¥à¤²à¤¾” और “पोसà¥à¤Ÿ मà¥à¤¹à¤²à¥à¤²à¤¾” के रूप में देखा जा सकता है। पà¥à¤°à¥€ मà¥à¤¹à¤²à¥à¤²à¤¾, जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° चिटà¥à¤ ाकार तकनीकी लोग, जो जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समय आनलाईन रहते थे, चिटà¥à¤ ाकारी करते थे। जब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ये समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ बनते देखा तो साथ हो लिये, दूसरों के मदद करने हेतॠजो सीखा उसको लिपीबदà¥à¤§ किया, […]
छायाः अकà¥à¤·à¤¯ महाजन à¤à¤• बात कहूं?बचपन के दिन अचà¥à¤›à¥‡ थे।कान उमेठे जाने पर दरà¥à¤¦ तो होता थापर वो शरारतों में नहीं उतरता था।कान तो अब à¤à¥€ उमेठे जाते हैंपर दरà¥à¤¦ ज़रा नहीं होता।अब शरारत करने से जी घबराता है। à¤à¤• बात कहूं?बचपन के दिन अचà¥à¤›à¥‡ थे।लड़ते थे, रोते थे, रà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥‡ à¤à¥€ थेऔर कà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ की उमà¥à¤° […]
आफिस जाते वकà¥à¤¤ वरà¥à¤²à¥à¤¡ टà¥à¤°à¥‡à¤¡ सेंटर (डबà¥à¤²à¥à¤¯à¥‚टीसी) के पास बने लिबरà¥à¤Ÿà¥€ पारà¥à¤• से गà¥à¤œà¤°à¤¤à¤¾ हूठऔर वहाठहमेशा à¤à¤• सूटेड बूटेड साहब बैंच पर बैठे मिलते हैं, अपने बà¥à¤°à¥€à¤«à¤•ेस में कà¥à¤› खोजते हà¥à¤¯à¥‡à¥¤ लोग उनके साथ बैठकर, गले में हाथ डालकर या बाल सहलाते हà¥à¤¯à¥‡ फोटो खिंचवाते हैं। ये साहब यहाठबरसों से जमे […]
अमरीका आने के बाद à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सबसे अधिक तकलीफ किस चीज़ से होती होगी? मेरा तजà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾ है, उस चीज से जिस के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— के बाद हम बिना धोये रह नहीं पाते। अरे à¤à¥ˆà¤¯à¤¾ वही जिसे साफ रखने के लिये ये फिरंगी काग़ज से काम चला लेते हैं। सरजी मैं हाथों की बात नहीं कर रहा! […]
निरà¥à¤µà¤¿à¤•ार à¤à¤¾à¤µ से समाचार पà¥à¤¤à¥€ सलमा सà¥à¤²à¥à¤¤à¤¾à¤¨ याद है? मà¥à¤à¥‡ हमेशा से ये लगता था कि समाचार वाचक à¤à¥€ अजीब हैं, जो à¤à¥€ लिख दे दिया है पà¥à¥‡ जाते हैं। दूरदरà¥à¤¶à¤¨ के समय नà¥à¤¯à¥‚ज़ बà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤¨ था, सैटेलाईट टीवी के ज़माने में टेलीपà¥à¤°à¥‰à¤®à¥à¤ªà¤Ÿà¤° है। इनेगिने ही हैं जो समाचार पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¤•रà¥à¤¤à¤¾ की à¤à¥€ à¤à¥‚मिका अदा करते हैं। […]