About the author
देबाशीषपुणे स्थित एक सॉफ्टवेयर सलाहकार देबाशीष चक्रवर्ती हिन्दी के शुरुवाती चिट्ठाकारों में से एक हैं। वे इंटरनेट पर Geocities के दिनों से सक्रिय रहे हैं, उन्होंने अक्टूबर 2002 में अपना अंग्रेज़ी ब्लॉग नल प्वाइंटर और नवंबर 2003 में हिन्दी चिट्ठा नुक्ताचीनी आरंभ किया। देबाशीष DMOZ पर संपादक रहे हैं। उन्होंने हिन्दी व भारतीय भाषाओं के ब्लॉग पर एक जालस्थल चिट्ठा विश्व भी शुरु किया था, यह हिन्दी व भाषाई ब्लॉग्स का सबसे पहला एग्रीगेटर था। उन्होंने वर्डप्रेस, इंडिक जूमला तथा आई जूमला जैसे अनेक अनुप्रयोगों के हिन्दीकरण में योगदान दिया है। 2005 में उन्होंने इस पत्रिका (जिसे पूर्व में निरंतर के नाम से जाना जाता था) का प्रकाशन अन्य साथी चिट्ठाकारों के साथ आरंभ किया। देबाशीष ने इंडीब्लॉगीज नामक वार्षिक ब्लॉग पुरुस्कारों की स्थापना भी की है। उन्हें बुनो कहानी तथा अनुगूंज जैसे सामुदायिक प्रयासों को शुरु करने का भी श्रेय जाता है। संप्रति ब्लॉग लेखन के अलावा हिन्दी पॉडकास्ट पॉडभारती पर सक्रीय हैं और यदाकदा अंग्रेज़ी व हिन्दी विकिपीडिया पर योगदान देते रहते हैं।
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वो जो बनाते हैं ना लाल छल्ला , वो बना देते तो अच्छा होता दादा. मै मूरख स्पेम नामों मे कुछ अनोखा ढुंढ रहा था.. ही ही
लो भई कर ली हमने तो चारसौ बीसी की रिपोर्ट थाने में दर्ज, मगर एक बात बताएँ मतलब की मेल भी घुस कर दब जाती है इन चिरसौ बीसों मेम, उनको निकालने का रास्ता है।
हा हा! मजेदार!
🙂
सही है पन्कज जी !! वैसे देबू जी यह आपका ही डाक का डब्बा है क्या?
Ericka Medeiros भी स्पैम है क्या? जरा चैक करियेगा. इस चक्कर में कोई बेहतरीन ईमेल न डिलिट हो जाये. 🙂
हम भी बिना समझे मुस्करा दिये। 🙂
पर कभी कभी बहुत काम की ईमेल भी स्पैम में चली जाती हैं
मैं भी स्पैम नामों में ४२० ढूंढ रहा था, काफी देर बाद दिखा। 🙂