विज़डम आफ कà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤¡à¥à¤¸ महज़ किताबी बात नही
निरंतर काउंटडाउन à¤à¤¾à¤— 2
बिलà¥à¤•à¥à¤² यही वजह है कि निरंतर, सिरà¥à¤« à¤à¤• मैगैज़ीन नहीं, बà¥à¤²à¥‰à¤—ज़ीन है। निरंतर के लेखों में सिरà¥à¤« संपादक मंडल की ही नही, इसके लेखकों की ही नही वरनॠआपकी राय à¤à¥€ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होनी चाहिà¤à¥¤ इसी कड़ी में निरंतर के अगसà¥à¤¤ अंक में पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकिया जा रहा है à¤à¤• नया सà¥à¤¤à¤‚ठ“जनमंच“। “जनमंच” के तहत हम पाठकों और लेखकों से जानना चाहेंगे उनकी राय किसी à¤à¥€ खास सामयिक विषय पर और पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करेंगे कलेकà¥à¤Ÿà¤¿à¤µ विज़डम यानि सामूहिक विवेक का निचोड़, जो आम राय à¤à¤²à¥‡ न हो पर पà¥à¤–à¥à¤¤à¤¾ राय ज़रूर होगी।
अगसà¥à¤¤ अंक के लिये तो पाठकों आप जानते ही होंगे कि विषय है “मेरा à¤à¤¾à¤°à¤¤ कैसा हो?” अगसà¥à¤¤ २००६ में हम अपना ६०वाठसà¥à¤µà¤¾à¤§à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ दिवस मनाने जा रहें हैं सो इससे बेहतर विषय à¤à¤²à¤¾ और कà¥à¤¯à¤¾ होता! विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ सूचना के लिये पà¥à¥‡à¤‚ अनूप की अकà¥à¤·à¤°à¤—à¥à¤°à¤¾à¤® पर घोषणा। अगर आपने अà¤à¥€ तक अपनी राय न à¤à¥‡à¤œà¥€ हो तो आज ही हमारे ईमेल पते patrikaa at gmail dot com पर à¤à¥‡à¤œà¥‡à¤‚।
सामूहिक बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¤à¥à¤¤à¤¾ की शकà¥à¤¤à¤¿ से आपका परिचय होगा जलà¥à¤¦ ही आपके नज़दीकी बà¥à¤°à¤¾à¤‰à¤œà¤¼à¤° पर, जà¥à¥œà¥‡ रहें!
दादा आप हमें सोने नहीं देंगे|