छायाः अकà¥à¤·à¤¯ महाजन à¤à¤• बात कहूं?बचपन के दिन अचà¥à¤›à¥‡ थे।कान उमेठे जाने पर दरà¥à¤¦ तो होता थापर वो शरारतों में नहीं उतरता था।कान तो अब à¤à¥€ उमेठे जाते हैंपर दरà¥à¤¦ ज़रा नहीं होता।अब शरारत करने से जी घबराता है। à¤à¤• बात कहूं?बचपन के दिन अचà¥à¤›à¥‡ थे।लड़ते थे, रोते थे, रà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥‡ à¤à¥€ थेऔर कà¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ की उमà¥à¤° […]
अमरीका आने के बाद à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सबसे अधिक तकलीफ किस चीज़ से होती होगी? मेरा तजà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾ है, उस चीज से जिस के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— के बाद हम बिना धोये रह नहीं पाते। अरे à¤à¥ˆà¤¯à¤¾ वही जिसे साफ रखने के लिये ये फिरंगी काग़ज से काम चला लेते हैं। सरजी मैं हाथों की बात नहीं कर रहा! […]
अगर आपने धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दिया हो तो विगत दो हफà¥à¤¤à¥‹à¤‚ (शायद उससे à¤à¥€ पहले) से विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ चैनलों पर à¤à¤• सरकारी विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ दिखाया जा रहा है। à¤à¤• चिकन पपेट के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मà¥à¤°à¥à¤—ियों की सहसा मौत या बीमार मà¥à¤°à¥à¤—ियों की जानकारी देने का अनà¥à¤°à¥‹à¤§ किया जा रहा है। मà¥à¤à¥‡ तà¤à¥€ खटका था कि अखबारों में तो इस तरह […]
कोला में पेसà¥à¤Ÿà¥€à¤¸à¤¾à¤ˆà¤¡ की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पर बोतल में तूफान कई बार उठे हैं। कोला निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾ और दोषारोपण करने वाली सी.à¤à¤¸.ई दोनों पर ही संदेह किया जा रहा है। निरंतर के नये अंक में अफ़लातून और अरà¥à¤œà¥à¤¨ सà¥à¤µà¤°à¥‚प की इसी विषय पर à¤à¤• बहस पà¥à¤°à¤•ाशित हà¥à¤ˆà¥¤ उनके विचारों को पà¥à¤¤à¥‡ समय यह सोचा था कि अपने […]
मैं तब इंजीनियरिंग के पà¥à¤°à¤¥à¤® वरà¥à¤· में था जब मंडल कमीशन की अनà¥à¤¶à¤‚सा के खिलाफ छातà¥à¤° आंदोलन जोर पकड़ रहे थे। मà¥à¤à¥‡ याद है, तब सीनियरों ने पकड़ पकड़ हम सब को इकटà¥à¤ ा किया था और फिर à¤à¥‡à¥œà¥‹à¤‚ की नाई चल पड़े थे हम “पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨” करने। दोपहर जब पà¥à¤²à¤¿à¤¸à¤¿à¤¯à¤¾ लाठियाठचलीं तो जिसको जो रासà¥à¤¤à¤¾ […]