अटली चेहरा सामने आà¤, असली सà¥à¤°à¤¤ छà¥à¤ªà¥€ रहे..
वीर सांघवी का कहना है (काफी हद तक मेरे विचारों से मिलता है)
“वाजपेयी का कद हमें à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ की असली सूरत देखने से रोक देता है। समीकरण से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ निकाल तो हमें à¤à¤¸à¥‡ लोगों का दल मिलेगा जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सामà¥à¤¹à¤¿à¤• हतà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से गिला नहीं, जो साधà¥à¤“ं से राजनीतिक परामरà¥à¤¶ लेते हैं और जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ रणनीतियां बनाने की जिमà¥à¤®à¥‡à¤µà¤¾à¤°à¥€ टेंटवालों और बिचौलियों को सौंप रखी है।”
मेरा शà¥à¤°à¥‚ से ये मानना है कि अटल वाकई à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ का मà¥à¤–ौटा मातà¥à¤° हैं (यह सचाई कहने का साहस गोविंदाचारà¥à¤¯ में था जिस कारण से वे आज हाशिठपर हैं)। कमलेशà¥à¤µà¤° ने लिखा है,
“लोगों के मन में यह आशंका है कि चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के बाद आडवाणी और मà¥à¤°à¤²à¥€ जोशी अपना अटल वाला मà¥à¤–ौटा उतारकर हिंदà¥à¤¤à¥à¤µà¤µà¤¾à¤¦à¥€ मोदी और तोगड़िया की शरण ले लेंगें।”
मेरा मन कहता है ये आशंका सच होने वाली है।