पहला ख़à¥à¤®à¤¾à¤°
पहले पà¥à¤¯à¤¾à¤° की बात चल पड़ी तो मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ पहला पà¥à¤¯à¤¾à¤° याद आ गया। परिणती तक à¤à¤²à¥‡ न पहà¥à¤à¤šà¤¾ हो पर मन में किसी कोने में यादों की महक तो बाक़ी है। किसà¥à¤¸à¤¾ चà¥à¤‚कि नितांत निजी है इसलिठसà¥à¤¨à¤¾ कर बोर नहीं करूà¤à¤—ा। पर यहाठपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर रहा हूठउन दिनों लिखा à¤à¤• गीत। कॉलेज के समय तो पूरा जीवन ही मेलोडà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾ से लबरेज़ रहता है, लिहाज़ा यह गीत à¤à¥€ काफी हद तक फ़िलà¥à¤®à¥€ है। विनयजी बता पायेंगे कि मीटर ठीक ठाक है या नहीं। उन दिनों इस गीत के ससà¥à¤µà¤° पाठकरने की मेरे मितà¥à¤° बड़ी गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¿à¤¶ करते थे खास तौर पर वो जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इशà¥à¤• का नया नया रोग लगा था। तो पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ है यह गीत “मितà¥à¤° मान लो”।
मितà¥à¤° मान लो, पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‡ मà¥à¤à¥‡ मितà¥à¤° मान लो!
मितà¥à¤° मान लो, पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‡ मà¥à¤à¥‡ मितà¥à¤° मान लो!याद आता है समां वो जब हà¥à¤† था रà¥à¤¬à¤°à¥,
दिल ने तà¤à¥€ था चाहा कि हो दोसà¥à¤¤à¥€ शà¥à¤°à¥,
बà¥à¤œà¤¼à¤¦à¤¿à¤² था मैं जो कह न पाया, यही मान लो,
मितà¥à¤° मान लो, पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‡ मà¥à¤à¥‡ मितà¥à¤° मान लो!कितने किये इशारे पर रही तू बेखब़र,
थे अरमां अपने कबसे बने तू हमसफ़र,
आसां न रहा लिखना पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤ªà¤¤à¥à¤° जान लो,
मितà¥à¤° मान लो, पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‡ मà¥à¤à¥‡ मितà¥à¤° मान लो!तेरे सलोने रूप में खोया हà¥à¤ मैं सदा,
उनà¥à¤®à¥à¤•à¥à¤¤ सी हà¤à¤¸à¥€ तेरी जाती है गà¥à¤¦à¤—à¥à¤¦à¤¾,
रह न पाऊà¤à¤—ा तेरे बिन इतना जान लो,
मितà¥à¤° मान लो, पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‡ मà¥à¤à¥‡ मितà¥à¤° मान लो!चेहरा तेरा निरà¥à¤¦à¥‹à¤· है मासूमियत à¤à¤°à¤¾,
हिरणी सी आà¤à¤–ों में हो जैसे à¤à¤°à¥€ सà¥à¤°à¤¾,
अनà¥à¤°à¤¾à¤— मेरा तà¥à¤®à¤¸à¥‡ है पवितà¥à¤° जान लो।
मितà¥à¤° मान लो, पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‡ मà¥à¤à¥‡ मितà¥à¤° मान लो!मितà¥à¤° मान लो, पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‡ मà¥à¤à¥‡ मितà¥à¤° मान लो!
मितà¥à¤° मान लो, पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‡ मà¥à¤à¥‡ मितà¥à¤° मान लो!

