अतुल: अब भाई जो बात कम शब्दों में ही वार करे उस पर ज्यादा शब्द क्यों खर्च करा जाय।
अनूपः मेरे प्रयास तो २००२ से चल रहे हैं पर खर्चा ही हुआ है कमाई नहीं।
मैं हूँ देबाशीष चक्रवर्ती, पुणे का वासी हूँ, सॉफ्टवेयर बनाना आजीविका का साधन है और ये है नवंबर 2003 में प्रारंभ तकनलाजी, समाज व राजनीति पर नुक्ताचीनी करता हुआ मेरा हिन्दी ब्लॉग। पढ़ें और अपनी राय ज़रूर बतायें। यदि आप मेरे विषय में और जानने को उत्सुक हों तो यहाँ देखें। मुझसे संपर्क करने के लिये यहाँ क्लिक करें।
तुम भी शुरु कर दो.कुछ प्रयास करो.बताओ सबको.
एक पंक्ति के लेख लिखकर नौदो ग्यारह होने की आलोक भाई की अदा आपने भी अपना ली?
अतुल: अब भाई जो बात कम शब्दों में ही वार करे उस पर ज्यादा शब्द क्यों खर्च करा जाय।
अनूपः मेरे प्रयास तो २००२ से चल रहे हैं पर खर्चा ही हुआ है कमाई नहीं।