ज़रा फिर से कहना
”क्रोम” का बीटा संस्करण कम्प्यूटर व्यावसाय जगत में माइक्रोसॉफ्ट के प्रभुत्व में इज़ाफ़ा करेगा।
गूगल के नये ब्राउज़र क्रोम पर बीबीसी हिन्दी की विशेष टिप्पणी। जी दुरस्त फ़रमाया! इससे अच्छा तो मैं जर्मन भाषा में लिखे ब्लॉग को हिन्दी में पढ़ लूं। सुंदर, मैं अनदेखी चिकनी 🙂
पुनश्चः अनुनाद ने ध्यान दिलाया। लगता है बीबीसी हिन्दी की वेबसाईट पर यह गलती सुधार ली गई है। मैंने स्क्रीनशॉट तो रखा नहीं था, गूगल शायद खबरों के पृष्ठ कैश नहीं करता। पर याहू खोज पेज से जो साक्ष्य मिला वह छवि जोड़ रहा हूँ (बड़ा आकार देखने के लिये चित्र पर क्लिक करें)।
ये बात कुछ हजम नहीं हुई; देखते हैं कैसे ऐसे कह रहे हैं!!
देबू दा, क्षमा करें पर समझ नहीं पाया कि इसका मतलब क्या है … जो लाइनें आपने उद्धृत की हैं वे आपके दिए लिंक पर नहीं हैं…वहां तो यह दिख रहा है
मैने इसे पहले भी पढ़ा था तब भी ऐसा ही था….संभव है आपकी बात पढ़ कर उन्होंने सुधार लिया होगा …. 🙂
लेकिन क्रोम को इस्तेमाल करने पर मजा नहीं आया….आपको आया क्या?
सूचना तकनीक पर कोई भी समाचार हो, अधिकतर हिंदी मिडिया का यही हाल है। ईटी हिंदी इसी से जुड़े समाचारों में फॉयरफॉक्स को फ़ॉयरबॉक्स लिखता रहा 🙂
देबू दा, आपने जब देखा तो वही लिखा था जो आप दिखा रहे हैं. संभवत: बाद में बीबीसी के किसी कॉपी एडिटर या अन्य व्यक्ति ने गलती पकड़ी होगी और करेक्शन कर दिया. अब याहू पर इन लाइनों को सर्च करेंगे तो बीबीसी का लिंक मिल जाएगा लेकिन cached देखने का प्रयास करेंगे तो वे भी क्षमा मांगेंगे….
We’re sorry, but we could not process your request for the cache of http://www.bbc.co.uk/hindi/business/story/2008/09/080903_googlebrowser.shtml. Please click here to check the current page or check for previous versions at the Internet Archive.
….. जुर्म के निशां ही अब बाकी हैं 🙂
पर है मजेदार बात…
चक्कर यह है कि हम बीबीसी से गलती की अपेक्षा ही नहीं करते। 🙂
जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं देबू दा. 🙂 🙂
जन्मदिन की शुभकामनाएं…